अगर आप फूडी हैं तो यह खबर आपके लिए ही है क्योंकि जल्द ही आपके फूडी मूड के लिए आ रही हैं मंगल और चांद की सब्जिया.
विज्ञानियों ने मंगल व चांद जैसी कृत्रिम मिट्टी बनाकर उसमें टमाटर, मटर समेत दस तरह की सब्जियां विशेष प्रयोगशाला में उगाने में सफलता हासिल कर ली है. संरचना, खनिज, रसायन, पोषक तत्वों में समानता वाली चांद व मंगल जैसी मिट्टी बनाने के लिए हवाई द्वीप के वालामुखी और एरिजोना रेगिस्तान से मिट्टी लाई गई थी.
नीदरलैंड की वेगेनीजेन यूनिवर्सिटी एंड रिसर्च सेंटर की टीम ने अपने दूसरे प्रयास में कामयाबी हासिल कर ली. टीम ने टमाटर, मटर के साथ पालक, मूली तथा सलाद में काम आने वाली कई अन्य सब्जियां उगाईं. अब विज्ञानी यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि खाने की दृष्टि से ये सब्जियां सुरक्षित हैं या नहीं.
चांद जैसी कृत्रिम मिट्टी के परिणाम अत्यधिक उत्साहजनक रहे। पहले शोध के दौरान उगाई गई अधिकतर सब्जियां नष्ट हो गई थीं लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ. इस बार शोधकर्ताओं ने गमले के बजाय ट्रे में पौधे उगाए. मंगल जैसी मिट्टी में उत्पादन कम हुआ जिससे शोधकर्ताओं को कुछ निराशा भी हुई.
देखने में टमाटर, मटर ऐसे हैं कि तुरंत खाने को दिल चाहेगा. सब्जियां उगाते वक्त वनस्पति खाद को नियंत्रक के रूप में इस्तेमाल किया गया. विज्ञानियों को चांद और मंगल की मिट्टी के नमूने नासा ने उपलब्ध करवाए गये थे.
हालांकि जब तक यह शोध पूरा नहीं हो जाता तब तक किसी को ये सब्जियां खाने नहीं दी जाएंगी. संभावना है कि इनमें कई भारी या जहरीले तत्व हो सकते हैं क्योंकि कृत्रिम मिट्टी में सीसा, आयरन, आर्सेनिक और पारा जैसे भारी तत्वों की भरमार है. तीसरा चरण ऐसी सब्जियों को पूरी तरह सुरक्षित बनाने पर ही पूर्ण रूप से केंद्रित रहेगा.
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