क्या फ्लाइट में कोई सीट वाकई ज्यादा सुरक्षित होती है?
अधिकतर यात्री जब फ्लाइट की सीट की बुकिंग करते हैं तो वे खिड़की, लेग स्पेस या जल्दी उतरने जैसी सहूलियतों का ध्यान रखते हैं. लेकिन विमान सुरक्षा विशेषज्ञ और कई अंतरराष्ट्रीय शोधों के अनुसार, कुछ सीटें वास्तव में दूसरों की तुलना में अधिक सुरक्षित हो सकती हैं.
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पिछले हिस्से में बैठे यात्रियों के जीवित रहने की संभावना अधिक
NTSB (अमेरिका) की रिसर्च के अनुसार पिछले हिस्से में बैठे यात्रियों के जीवित रहने की संभावना 69 फीसदी होती है. वहीं, विंग्स के पास बैठे यात्रियों के बचने की संभावना 59 फीसदी होती है. जबकि सामने की पंक्तियों में बैठे यात्रियों के बचने का चांस केवल 49 फीसदी. इससे स्पष्ट होता है कि विमान के पिछले हिस्से में बैठना तुलनात्मक रूप से ज्यादा सुरक्षित माना गया है.
सबसे असुरक्षित सीटें कौन-सी हैं?
टाइम मैगजीन और फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (FAA) के आंकड़ों के यह बात सामने आयी कि प्लेन के बीच वाले हिस्से की aisle सीटें सबसे डेंजरस होती है. क्योंकि इनमें मृत्यु दर 44 फीसदी तक पाई गई. वहीं, सबसे सुरक्षित पीछे की मिडिल सीट को बताया गया जहां मृत्यु दर मात्र 28 प्रतिशत थी. CNN की रिपोर्ट के अनुसार, मिडल सीट पर बैठा यात्री बगल में बैठे लोगों की वजह से एक ‘बफर’ में होता है, जिससे कुछ हद तक उसे अतिरिक्त सुरक्षा मिलती है.
सिर्फ सीट नहीं, हादसे का तरीका भी तय करता है जीवन-मरण
हालांकि, विशेषज्ञ मानते हैं कि यह पूरी तरह सीट पर निर्भर नहीं करता है. CNN की उस रिपोर्ट में बताया गया है कि अगर विमान किसी पहाड़ से टकराए या सीधे समुद्र में गिरे, तो बचाव की संभावना बेहद कम हो जाती है. कई बार तो यह भी देखा गया है कि एक ही रो में बैठे कुछ यात्री बचते हैं और कई लोगों की जान चली जाती है. यानी कई बार यह भी एक ‘रैंडम’ घटना बन जाती है.
फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन का क्या दावा
फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन का कहना है कि विमान में कोई भी 100 फीसदी सुरक्षित वाली सीट नहीं होती. लेकिन कुछ स्थान, जैसे पीछे की मिडल सीटें, तुलनात्मक रूप से सुरक्षित मानी जा सकती हैं.”
तो क्या करें?
- सीट बेल्ट हमेशा बांधे रखें, यह आपकी पहली सुरक्षा है.
- आपातकालीन निकासी के करीब बैठने की कोशिश करें, रेस्क्यू में मदद मिलेगी.
- सुरक्षा निर्देशों को हल्के में न लें, फ्लाइट अटेंडेंट जो बताते हैं, वो महत्वपूर्ण बातें होती है, जो इमरजेंसी की समय काम आ सकता है.
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