Air India Flight Crash: फ्लाइट दुर्घटना हो जाए तो खुद की कैसे बचाएं जान, जानिए 12 जरूरी टिप्स

Air India Flight Crash: अहमदाबाद से लंदन जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट दुर्घटनाग्रस्त हो गई, जिसमें 232 यात्री सवार थे. इस हादसे ने एक बार फिर लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि अगर फ्लाइट में कोई आपात स्थिति आए तो खुद को कैसे सुरक्षित रखा जाए. इस लेख में हम आपको ऐसे 12 जरूरी टिप्स बताएंगे जो विमान हादसे के समय आपकी जान बचा सकते हैं.

By Sameer Oraon | June 12, 2025 5:08 PM
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Air India Flight Crash: अहमदाबाद से लंदन जा रही एयर इंडिया का विमान गुरुवार को दुर्घटनाग्रस्त हो गया. इसमें कुल 232 यात्री सवार थे. इस दुर्घटना के बाद लोग के मन में ये उठने लगा है कि विमान हादसे से खुद को कैसे बचाएं. ऐसे परिस्थिति में यात्री का घबराकर चीख पुकार करने लगते हैं. ऐसी स्थिति में लोग सुध बुध खो बैठते हैं. इस दौरान वे विमान में मौजूद एयरक्राफ्ट के निर्देशों का पालन करना भी भूल जाते हैं. लेकिन इस तरह के विषम हालातों में अगर यात्री पहले से सचेत हों और कुछ जरूरी बातों का पालन करें, तो उनकी जान बच सकती है. विशेषज्ञ मानते हैं कि संकट की घड़ी में सही फैसला और शांत दिमाग आपकी जिंदगी बचा सकता है. आइए जानते हैं कुछ ऐसे टिप्स और उपाय, जो विमान दुर्घटना की स्थिति में आपकी रक्षा कर सकते हैं.

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यात्रा की शुरुआत से ही सतर्कता जरूरी

जैसे ही आप विमान में बैठते हैं, सबसे पहले अपने आस-पास के आपातकालीन निकास (Emergency Exit) और उपकरणों की जानकारी लें. एयर होस्टेस द्वारा दी जा रही सुरक्षा जानकारी को ध्यान से सुनें और सीट के आगे रखे Safety Card को जरूर पढ़ें. अमूमन लोग सीट के पास रखे सेफ्टी कार्ड को नहीं पढ़ते हैं.

सीट बेल्ट हमेशा कसकर लगाएं

उड़ान के दौरान या टर्बुलेंस के वक्त सीट बेल्ट ढीली नहीं होनी चाहिए. विमान दुर्घटनाओं में कई बार यात्रियों की मौत का कारण तेज झटका होता है, जिससे वे सीट से उछल जाते हैं. सीट बेल्ट आपकी पहली सुरक्षा ढाल है.

‘ब्रेस पोजिशन’ अपनाएं

यदि विमान क्रैश लैंडिंग या इमरजेंसी लैंडिंग करता है, तो ब्रेस पोजशन यानी शरीर को झुका कर घुटनों के बीच सिर रखकर और हाथों से सिर को ढककर लें. यह मुद्रा आपकी रीढ़, सिर और गर्दन को झटकों से सुरक्षित रखने में मदद करती है.

फ्लाइट में जाने से पहले पूरी तरह ढके हुए कपड़े और जूते पहने

विमान में यात्रा करने से पहले आप कोशिश करें कि आप पूरी तरह ढके हुए कपड़े पहने. कोशिश करें कि सूती या ऊनी वस्त्र पहने. क्योंकि वे कम ज्वलनशील होते हैं. इसके अलावा हमेशा वैसे जूते पहनें जिसे पहनकर आप आसानी से दौड़ सकें. क्रैश के बाद अगर आग लग जाए या जल्दी बाहर निकलना पड़े, तो हाई हील्स, सैंडल या भारी जूते आपकी रफ्तार धीमी कर सकते हैं.

निकास द्वार की जानकारी रखें

विमान में प्रवेश करने के साथ यह सुनिश्चित करें कि आपका निकास द्वार आपकी सीट से कितनी दूरी पर है. इमरजेंसी के समय धुआं या अंधेरा होने पर यह जानकारी बहुत काम आती है.

सामान को पीछे छोड़ें

विमान हादसे के बाद अक्सर यात्री अपना बैग या कीमती सामान लेने में वक्त बर्बाद करते हैं, जो घातक हो सकता है. कई विशेषज्ञ हैं मानते हैं कि आपकी जान आपके कीमती सामान से ज्यादा जरूरी है.

धुएं से बचने के लिए झुककर चलें

विमान हादसे के बाद अगर फ्लाइट में धुआं भर गया है, तो झुककर चलें. क्योंकि धुआं ऊपर की ओर उठता है. अपनी नाक और मुंह को कपड़े या मास्क से ढकें. अतिरिक्त बचाव के लिए कपड़े को गीला रखें.

दुर्घटना के बाद सतर्क रहें

अगर किसी तरह विमान से बाहर निकलने में सफल हो गए हैं, तो किसी भी ज्वलनशील वस्तु या मलबे के पास न जाएं. जब तक कि कोई मदद के लिए न आ जाएं. ग्रुप में रहें और घायल लोगों की मदद करें.

ऑक्सीजन मास्क जरूर लगाएं

दूसरों की सहायता करने से पहले अपना ऑक्सीजन मास्क लगा लें. आपने उड़ान भरने पहले केबिन क्रू से यह बात अक्सर सुनी होगी. हादसे के बाद ये आपको सांस लेने में मदद करेगा.

जितनी जल्दी हो सके विमान से बाहर निकल जाएं

राष्ट्रीय परिवहन सुरक्षा बोर्ड (NTSB) के अनुसार, विमान दुर्घटना में होने वाली 68 प्रतिशत मौतें दुर्घटना के बाद लगी आग के कारण होती हैं. इसलिए विमान से जितनी जल्दी हो सके बाहर निकल जाए. लेकिन निकलने से पहले यह सुनिश्चित करें कि निकास द्वार के बाहर आग या कोई अन्य खतरा न हों.

लाइफ जैकेट जरूर पहनें

पानी में दुर्घटना की स्थिति में, अपनी लाइफ जैकेट पहनें, लेकिन उसे फुलाए नहीं. यदि आप विमान में इसे फुलाते हैं, इसमें पानी से भरना शुरू हो जाता है. इस वजह से तैरना बहुत मुश्किल होता है.

पिछली सीट पर बैठने की कोशिश करें

फ्लाइट बुक करते समय पिछली सीट लेने की कोशिश करें. क्योंकि दुर्घटना की स्थिति में पहले कुछ पंक्तियों में बैठे यात्रियों की तुलना में बचने की दर 40 फीसदी से अधिक होती है. अगर संभव हो सके निकास द्वार के करीब अपनी सीट लें.

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