एमोरी विश्वविद्यालय के रिसर्चर्स ने अटलांटा महानगरीय क्षेत्र में 330 अफ्रीकी अमेरिकी गर्भवती महिलाओं पर रिसर्च किया. रिसर्च के लिए महिलाओं के खून का सैंपल लिया गया था, जिसकी जांच कर पता चला कि शहर के बीचों-बीच यानी डाउनटाउन और मिडटाउन में रहने वाली महिलाओं को, शहर के बाहर रहने वाली महिलाओं के मुकाबले, एक साल में ज्यादा प्रदूषण झेलना पड़ा. इसकी बड़ी वजह है गाड़ियों से निकलने वाला धुआं, जो पीएम 2.5 जैसे खतरनाक प्रदूषण को बढ़ाता है. शोधकर्ताओं द्वारा साझा की गई जानकारी के मुताबिक 330 महिलाओं में से 66 महिलाओं ने समय से पहले ही बच्चे को जन्म दिया जबकि 54 महिलाओं ने समय पर बच्चों को जन्म दिया.
इस स्टडी में वैज्ञानिकों ने दो चीजों की पहचान की ‘कॉर्टेक्सोलोन’ और ‘लाइसोपीई (20:3)’, जिनका जुड़ाव हवा में फैले प्रदूषण और समय से पहले डिलीवरी (प्रीमैच्योर बर्थ) से पाया गया. ‘कॉर्टेक्सोलोन’ एक तरह का हार्मोन (ग्लूकोकॉर्टिकॉइड) है जो हमारे शरीर में मेटाबोलिज्म (पाचन), सूजन और इम्यून सिस्टम को नियंत्रित करने में मदद करता है. वहीं ‘लाइसोपीई (20:3)’ एक खास किस्म का फैट (लिपिड) है, जो कोशिकाओं के कामकाज के लिए जरूरी होता है.
यह स्टडी एनवायरनमेंटल साइंस एंड टेक्नोलॉजी नाम की पत्रिका में छपी है. इसमें यह भी बताया गया कि वायु प्रदूषण की वजह से शरीर में प्रोटीन को पचाने और अवशोषित करने की क्षमता कम हो सकती है, जो बच्चे के विकास और उसकी रोग-प्रतिरोधक क्षमता (इम्यून सिस्टम) के लिए जरूरी होती है.
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