खजूर के साथ रोजा खोलने की है रमजान में प्राचीन परंपरा

रमजान में 30 दिन तक लोग रोजा रखते हैं. पूरे दिन उपवास पर रहने के कारण शरीर में पोषक तत्वों की काफी कमी हो जाती है. खजूर रोजेदारों के लिए वरदान साबित होता है. जानकारों की माने तो रमजान में खजूर से रोजा खोलने की काफी पुरानी परंपरा है. वहीं, दूसरी तरफ इसके वैज्ञानिक कारण भी जानकारों द्वारा बताये गये हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | May 16, 2020 3:48 AM
an image

गया : रमजान में 30 दिन तक लोग रोजा रखते हैं. पूरे दिन उपवास पर रहने के कारण शरीर में पोषक तत्वों की काफी कमी हो जाती है. खजूर रोजेदारों के लिए वरदान साबित होता है. जानकारों की माने तो रमजान में खजूर से रोजा खोलने की काफी पुरानी परंपरा है. वहीं, दूसरी तरफ इसके वैज्ञानिक कारण भी जानकारों द्वारा बताये गये हैं. कर्बला के खादिम डॉ सैयद शाह शब्बीर आलम कादरी ने बताया कि तत्काल ऊर्जा के लिए खजूर का उपयोग वैज्ञानिकों द्वारा काफी लाभप्रद बताया गया है. उन्होंने बताया कि मान्यता के अनुसार पहले खजूर से अपना रोजा खोलना होता है. इसके अलावा रोजेदार अन्य व्यंजनों के साथ भी रोजा खोलते हैं.

उन्होंने बताया कि खजूर शरीर में तत्काल ऊर्जा देता है, जो उपवास पर रहने से शरीर की जो ऊर्जा नष्ट होती है उसे तुरंत पूर्ति करता है. उन्होंने बताया कि प्राकृतिक शर्करा से समृद्ध होने के कारण खजूर में यह गुण विद्यमान होता है. वहीं कार्बोहाइड्रेड व फाइबर भी खजूर में होने से यह शरीर को ऊर्जा की कमी की भरपाई करता है. खजूर स्ट्रोक के जोखिम को भी कम करता है. डॉ कादरी ने बताया कि इफ्तार में फल को बहुत महत्व दिया गया है. पैगंबर ने एक अच्छे मुस्लिम की तुलना एक खजूर के पेड़ से की है. मान्यता है कि जब किसी को अपना उपवास खोलना होता है, तो उन्हें खजूर से ही खोलना चाहिए. अगर उनके पास खजूर नहीं है, तो वे पानी से भी रोजा खोल सकते हैं. क्योंकि, यह शुद्ध होता है. उन्होंने बताया कि उपवास पर रहने से कम रक्त शर्करा, सिरदर्द व सुस्ती महसूस हो सकती है. ऐसे में खजूर से उपवास तोड़ना काफी मददगार साबित होता है.

संबंधित खबर
संबंधित खबर और खबरें

Life and Style

होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version