New Year Astrological Tips : बेटी के विवाह में आ रही बाधाएं होंगी दूर, करें ये अचूक ज्योतिष उपाय

Astrological Tips : शादी -विवाह के बारे में ऐसा कहा जाता है कि जोड़ियां ऊपरवाले के हाथों बनती है. लेकिन कई माता-पिता उस वक्त परेशान हो जाते हैं जब उनके घर में बेटा- बेटी के विवाह में बाधाएं उत्पन्न होने लगती हैं लेकिन ज्योतिषशास़्त्र में इन वैवाहिक बाधाओं को दूर करने के कई अचूक उपाय मौजूद हैं

By Prabhat Khabar News Desk | January 1, 2024 6:06 AM
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वैवाहिक बाधा दूर करने के उपाय

मार्कण्डेय शारदेय, ज्योतिषाचार्य

यदि बेटी के विवाह में बाधा आ रही हो, तो सहज ज्योतिष उपायों में पुत्री से बृहस्पतिवार को पीली वस्तुएं अवश्य दान कराएं तथा तुलसीदास कृत ‘पार्वतीमंगल’ का पाठ कराएं. इसी तरह बेटे से शुक्रवार को सुगंधित वस्तुएं व सफेद वस्त्र, स्त्रियोचित शृंगार-सामग्री आदि दान कराएं. ‘शुक्रस्तोत्र’ का पाठ भी उत्तम रहेगा.

पीला पुखराज व टोपाज

लड़की को पीला पुखराज व टोपाज (सोने या कांसे में गुरुवार को) तथा लड़के को ओपल या सफेद मूंगा (चांदी में, तर्जनी में शुक्रवार को) धारण कराएं.

बेटियां ‘कात्यायनी-मन्त्र’ का जप करें

बेटियां ‘कात्यायनी-मन्त्र’ का जप करें. इसके लिए अष्टमी, नवमी या चतुर्दशी तिथि से लाल वस्त्र पहनकर केले के पत्ते के आसन पर बैठकर दुर्गाजी की प्रतिमा के बायीं ओर सरसों तेल का दीप जलाकर यथाशक्ति देवीपूजन कर निम्न मंत्र नित्य कम से कम एक माला जपें –

कात्यायनि! महामाये! महायोगिन्यधीश्वरि।

नन्द-गोपसुतं देवि! पतिं मे कुरु ते नमः।।

दुर्गाजी की पूजा

इसी तरह लड़के दुर्गाजी की पूजा कर घी का दीप प्रतिमा के दायीं ओर जलाकर लाल आसन पर बैठकर निम्न मंत्र का जप करें –

पत्नीं मनोरमां देहि मनोवृत्तानुसारिणीम्।

तारिणीं दुर्ग-संसार-सागरस्य कुलोद्भवाम्।।

यदि स्वयं जप करना संभव न हो तो योग्य एवं संस्कारी जापक से सवा लाख या चौवन हजार आनुष्ठानिक विधि से जप करा सकते हैं.

नवग्रहशांति पूजन कराएं

यों तो लड़कों के विवाहार्थ शुक्र तथा लड़कियों के लिए गुरु मुख्य हैं, अतः इनसे संबंधित जप और दान अनुकूल फल देते हैं. पुनः चंद्र-शुक्र एवं गुरु-बुध स्त्रीकारक ग्रह बताये गये हैं, अतः लड़कियां हों या लड़के दोनों आनुष्ठानिक विधि से चंद्र-मंत्र (ऊँ सों सोमाय नमः) का 44 हजार, शुक्र-मंत्र (ऊँ शुं शुक्राय नमः) का 64 हजार, गुरुमन्त्र (ऊँ बृं बहस्पतये नमः) का 76 हजार तथा बुधमंत्र (ऊँ बुं बुधाय नमः) का 36 हजार कर या जापक से कराकर क्रमशः पलाश, गूलर, पीपल एवं चिचिड़ी की लकड़ी से दशांश हवन करें.

सभी ग्रहों की शांति के लिए नवग्रहशांति पूजन कराएं. इन उपायों में जो सहज एवं अर्थसाध्य हो, उनका ही प्रयोग करें. सभी प्रयोग कारगर हैं.

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