शीताः संग्राहिणश्चैव स्वल्पमूत्रकराश्च ते.
शुकमांसं कषायाम्लं विपाके रूक्षशीतलम्॥
शोष-कास-क्षय-हितं संग्राहि लघु दीपनम्.
कषायो विशदो रुक्षः शीतः पाके कटुर्लघु ||
क्या फायदा? (Benefits Eating Parrot Meat)
आयुर्वेदिक ग्रंथों के अनुसार बारिश के मौसम में सही खानपान ही लोगों को रोगों से बचा सकता है. चरक संहिता के एक श्लोक में पक्षियों के मांस विशेषकर ‘शुकमांस’ (तोते जैसे पक्षियों के मांस) को बेहद लाभकारी बताया गया है. इसमें कहा गया है कि इस प्रकार का मांस मूत्र कम उत्पन्न करता है और इसका स्वाद कसैला व खट्टा होता है. यह रूखा और ठंडा होता है, लेकिन शोष (सूखापन), कास (खांसी), और क्षय (टीबी) जैसे रोगों में विशेष रूप से फायदेमंद होता है. यह पाचन को सुधारने वाला, शरीर को हल्का रखने वाला और आंतों को साफ करने वाला होता है. आधुनिक संदर्भ में भले ही ऐसे मांस का सेवन आम न हो, लेकिन आयुर्वेद में इसके औषधीय गुणों को मान्यता दी गई है. बारिश के मौसम में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए इस तरह के पारंपरिक ज्ञान को अपनाने पर विशेषज्ञ भी जोर दे रहे हैं. खबर में दी गई जानकारी और संस्कृत के श्लोक मांसौषधि नामक किताब के आधार पर दी गई है. इस किताब के लेखक सत्येन्द्र पीएस हैं.
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