Bihar Court Orders: डोसा दिया सांभर गायब, अब रेस्तरां देगा ग्राहक को 3500 रूपये जुर्माना

Bihar Court Orders in Dosa Case : 140 रूपये के मसाला डोसा का आर्डर जिसमें मसाला था लेकिन सांभर ही गायब. अब भला जिसने आर्डर दिया है वो खाएगा या गुस्साएगा ? जवाब जाहिर है. ऐसा ही कुछ हुआ है बिहार में. जहां ग्राहक को डोसा के साथ सांभर नहीं परोसने पर कोर्ट ने रेस्तरां पर 3500 रूपये का जुर्माना लगाया है.

By Anita Tanvi | July 14, 2023 6:51 PM
an image

Bihar Court Orders : आप और हम जब भी होटल का खाना खाने का प्लान करते हैं. उसके मेन्यू में जो पसंद आता है उसे आर्डर करते हैं कई बार फूड आइटम में कुछ लिखा होता है मिलता कुछ और है. हम कई बार रेस्तरां मालिक से शिकायत करते हैं फिर उसकी बातों से मान भी जाते हैं लेकिन बिहार में एक ग्राहक ने कुछ ऐसा कर दिखाया जो अन्य उपभोक्ताओं के लिए प्रेरक है. बिहार के बक्सर में साउथ इंडियन डिश परोसने वाले एक रेस्तरां ने अपने मेन्यू में स्पेशल मसाला डोसा विद सांभर के आइटम में अपने ग्राहक को सांभर ही नहीं परोसा. 140 रूपये की कीमत वाले वाले स्पेशल मसाला डोसा के साथ सांभर नहीं देने पर विवाद खड़ा हो गया. मामला रेस्तरां से निकलकर अदालत के दरवाजे तक पहुंच गया. कोर्ट ने इस विवाद को सुलझाते हुए ग्राहक को डोसा के साथ सांभर नहीं परोसने पर रेस्तरां पर 3,500 रुपये का जुर्माना लगाया है. उपभोक्ता अदालत ने पाया कि याचिकाकर्ता को सांभर देने से इनकार करने के कारण उसे मानसिक, शारीरिक और आर्थिक पीड़ा हुई है.

घटना 15 अगस्त 2022 की है, जब पेशे से वकील मनीष गुप्ता ने अपने जन्मदिन पर खुद के लिए मसाला डोसा का आर्डर किया. रेस्तरां पहुंचकर उन्होंने 140 रूपये की कीमत पर स्पेशल मसाला डोसा टेकअवे का ऑर्डर दिया.

घर पहुंचने पर वकील को डोसा के साथ सांभर नहीं मिलने पर निराशा हुई. गुस्से में आकर वह वापस रेस्तरां गए और अपने आर्डर से गायब सांभर के बारे में सवाल किया. ग्राहक की शिकायत को रेस्टोरेंट मालिक ने गंभीरता से नहीं लिया. ‘क्या आप 140 रूपये में पूरा रेस्तरां खरीदना चाहेंगे’ कुछ ऐसा जवाब दिया. जिस पर आपत्ति जताते हुए वकील ने रेस्तरां को कानूनी नोटिस भेजा. जब कोई जवाब नहीं मिला तो उन्होंने जिला उपभोक्ता आयोग में शिकायत दर्ज कराई.

11 महीने के बाद, उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष वेद प्रकाश सिंह और सदस्य वरुण कुमार की खंडपीठ ने याचिकाकर्ता मनीष गुप्ता को हुई मानसिक, शारीरिक और आर्थिक पीड़ा पर ध्यान दिया और रेस्तरां को दोषी पाया. अदालत ने रेस्टोरेंट पर साढ़े तीन हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया. जुर्माना दो भागों में लगाया गया. मुकदमेबाजी लागत के रूप में 1,500 रुपये और मूल जुर्माना के रूप में 2,000 रुपये.

रेस्टोरेंट को जुर्माना भरने के लिए 45 दिन का समय दिया गया है. कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर समय पर भुगतान नहीं किया गया तो रेस्तरां को जुर्माने की रकम पर 8 फीसदी ब्याज भी देना होगा.

कई बार हम सब अपने अधिकारों को जानते हुए भी इसका सही जगह उपयोग ना कर पीड़ित ही रह जाते हैं. लेकिन बक्सर के इस पूरे वाक्ये ने समझा दिया कि उपभोक्ता के हितों की रक्षा के लिए कानून है जरूरत जागने की है.

संबंधित खबर
संबंधित खबर और खबरें
होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version