Chaitra Navratri 2021: क्या है Maa Shailputri का इतिहास, जानें मां दुर्गा के इस स्वरूप की कहानी व इनके पूजा के महत्व के बारे में
Chaitra Navratri 2021, Maa Shailputri Puja Vidhi, Swaroop, Origin, History, Story, Significance: देवी शैलपुत्री की सवारी बैल है और इसी वजह से उन्हें वृषारूढ़ा (वृषारूढ़) भी कहा जाता है. देवी शैलपुत्री को दो हाथों से दर्शाया गया है. वह दाहिने हाथ में त्रिशूल और बाएं हाथ में कमल का पुष्प धारण करती है. ऐसे में आइये विस्तार से जानते हैं मां शैलपुत्री के स्वरूप और प्रकट होनी की कथा के बारे में....
By Prabhat Khabar Digital Desk | April 13, 2021 5:18 AM
Chaitra Navratri 2021, Ma Shailputri Puja Benefits, Swaroop, Origin, History: देवी शैलपुत्री का पर्वत बैल है और इसी वजह से उन्हें वृषारूढ़ा (वृषारूढ़) भी कहा जाता है. देवी शैलपुत्री को दो हाथों से दर्शाया गया है. वह दाहिने हाथ में त्रिशूल और बाएं हाथ में कमल का पुष्प धारण करती है. ऐसे में आइये विस्तार से जानते हैं मां शैलपुत्री के स्वरूप और प्रकट होनी की कथा के बारे में….
मां शैलपुत्री का इतिहास
ऐसी मान्यता है कि देवी सती ने जब आत्मदाह किया तो वे हिमालय की बेटी बनकर देवी पार्वती के रूप में जन्म लिया. शैल का अर्थ संस्कृत में पर्वत होता है. और हिमालय पर्वत पूत्री होने के कारण उनका नाम देवी शैलपुत्री रखा गया.
मां शैलपुत्री के इस रूप का महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार यदि कुंडली में चंद्रमा खराब है तो उसके बुरे प्रभाव को आदि शक्ति के इस रूप की पूजा करके आसानी से दूर किया जा सकता है.
मां शैलपुत्री का स्वरूप
देवी शैलपुत्री का वाहन बैल है यही कारण है कि इन्हें वृषारूढ़ा भी कहा जाता है.