सच्चे दोस्त की पहचान करो
चाणक्य कहते थे कि सच्चा दोस्त वही होता है जो दुख और मुश्किल समय में साथ दे. सिर्फ हंसी-मजाक के समय साथ रहने वाला दोस्त, असली नहीं होता है. ऐसे दोस्त को पहचानो जो तुम्हारे भले की बात करे, भले ही सख्ती से क्यों न कहे.
स्वार्थी दोस्तों से दूर रहो
अगर कोई दोस्त सिर्फ अपने मतलब के लिए तुम्हारे साथ है, तो उससे दूरी बना लो. चाणक्य मानते थे कि स्वार्थी व्यक्ति भरोसे के लायक नहीं होता है. ऐसे लोग संकट में तुम्हारा साथ नहीं देंगे.
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दोस्त की सलाह को समझदारी से सुनो
अच्छा दोस्त वो होता है जो सही सलाह दे, न कि सिर्फ हां में हां मिलाए. चाणक्य कहते हैं कि जो दोस्त गलत में भी तुम्हारा साथ दे, वो तुम्हारा असली भला नहीं चाहता. ऐसे में दोस्त की बातों पर सोच-समझकर ही भरोसा करो.
दोस्ती में ईमानदारी जरूरी है
चाणक्य के अनुसार दोस्ती की नींव भरोसे और ईमानदारी पर होती है. अगर किसी रिश्ते में झूठ और धोखा है, तो वह ज्यादा दिन नहीं टिकता. दोस्ती में मन साफ और इरादे नेक होने चाहिए.
दोस्त की परीक्षा बुरे वक्त में होती है
चाणक्य कहते हैं कि अच्छे समय में सब साथ होते हैं, पर सच्चा दोस्त वही होता है जो कठिन समय में तुम्हारे साथ खड़ा रहे. इसलिए जब भी कोई मुसीबत आए, तब समझो कि तुम्हारा असली दोस्त कौन है. वही रिश्ता सबसे मजबूत होता है.
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