जब कम उम्र में हो गयी है शादी
घर वालों के पारिवारिक दबाव या अपरिपक्वता के कारण जो लड़के कम उम्र में शादी करते हैं वो अक्सर इन चीजों से गुजरते हैं. क्योंकि वे उस वक्त मानसिक रूप से पूरी तरह तैयार नहीं होते. करियर, महत्वाकांक्षाएं और नई दुनिया की चाह उन्हें धीरे-धीरे बदलने लगती है. यही असंतुलन बाद में उन्हें बाहरी आकर्षण की ओर धकेलता है.
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शारीरिक संबंधों में कमी
कई बार ऐसा होता है कि समय के साथ पति-पत्नी के बीच शारीरिक या भावनात्मक जुड़ाव कमजोर हो जाता है. धीरे-धीरे उन दोनों का रिश्ता खोखला हो जाता है. बहुत बार यह मुद्दा शर्म या संकोच के कारण बातचीत में नहीं आता और यही चुप्पी दूरी बन जाती है.
बच्चों के बाद बदली प्राथमिकताएं
बच्चे के जन्म के बाद पत्नी की प्राथमिकताएं बदलना स्वाभाविक है. इस वजह से पति खुद को उपेक्षित महसूस करने लगता है. ऐसी स्थिति में वह भावनात्मक या शारीरिक संतुलन बाहर तलाशने लगता है. यह अस्थायी होता है, लेकिन बातचीत और समझदारी से सुलझाया जा सकता है.
विदेशी या नई महिलाओं की ओर आकर्षण
चाणक्य ने कहा है कि इंसान का मन चंचल होता है और अगर उसे कहीं और नया, रोमांचक या आकर्षक है लगता है तो वह वहीं भागता है. लेकिन यह आकर्षण स्थायी नहीं होता. अक्सर इसका अंत पछतावे में होता है.
आत्म-नियंत्रण की कमी और गलत संगत
चाणक्य मानते थे कि आत्मनियंत्रण ही सबसे बड़ी जीत है. जब किसी पुरुष के पास संयम नहीं होता, या वह गलत माहौल में रह रहा हो, तो वह दूसरे संबंधों की ओर भागने लगता है.
तो क्या है समाधान?
- रिश्तों में संवाद को कभी न मरने दें.
- छोटी-छोटी बातें, प्यार भरे इशारे और समझदारी ही रिश्ते को मजबूत बनाती हैं.
- अगर कोई दूरी आ रही है, तो उससे भागने के बजाय आपस में बैठकर बात करना ज्यादा बेहतर होता है. कई बार देखा जाता है कि इसके बाद रिश्ता फिर से बेहतर हो जाता है.
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Disclaimer: यह आर्टिकल सामान्य जानकारियों और मान्यताओं पर आधारित है. प्रभात खबर इसकी पुष्टि नहीं करता है.