Chanakya Niti: इन 5 जगहों पर संयम नहीं बरते तो तय है तबाही, घर हो या ऑफिस सब लोग थूकेंगे आप पर

Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य ने जीवन में संयम को सफलता की कुंजी बताया है. उन्होंने ऐसी 5 खास जगहों का जिक्र किया है जहां संयम नहीं बरता गया, तो विनाश तय है. चाहे वह घर हो, दफ्तर हो या सामाजिक जीवन. जानिए वह कौन-कौन सी स्थितियां हैं जहां एक छोटी गलती भी बड़ी कीमत दिला सकती है.

By Sameer Oraon | July 11, 2025 7:57 PM
an image

Chanakya Niti: बड़े बुजुर्गों ने हमेशा कहा है कि इंसान को किसी भी चीज में संयम बरतना बेहद जरूरी है चाहे वह रिश्ता हो या फिर करियर. लेकिन कई लोग इन बातों को नजर अंदाज कर देते हैं और उन्हें इसका खामियजा भुगतना पड़ता है. महान राजनीतिज्ञ चाणक्य ने भी इसे लेकर खास सलाह दिये हैं. उन्होंने इंसान को ऐसी 5 जगहों के बारे में बताया जहां इसकी सबसे अधिक जरूरत होती है. उन्होंने यह भी बताया कि उन जगहों पर अगर इंसान सयंम नहीं रखे, तो उसे इसकी भारी कीमत चुकानी होती है. आइए जानते हैं चाणक्य नीति के अनुसार वे 5 जगहें, जहां संयम न बरतना सीधे तबाही का कारण बन सकता है.

घर और परिवार में

चाणक्य कहते हैं कि क्रोध के वश में आकर बोले गए शब्द रिश्तों को खत्म कर सकते हैं.” यदि कोई व्यक्ति घर-परिवार में क्रोधित होकर कुछ भी बोल देता है, तो वह अपनों का विश्वास खो सकता है. इसलिए घर में सबसे पहले धर्य रखना जरूरी है, खासकर गुस्से में.

Also Read: Chanakya Niti: भरे समाज में होगी थू-थू अगर चाणक्य की इन बातों को किया नजरअंदाज, इज्जत बचाना चाहते हैं तो जान लें

धन के मामले में

चाणक्य मानते थे कि अगर धन का बुद्धि से उपयोग न किया गया हो इसे नष्ट होते देर नहीं लगती है. इसलिए बाजार में या लेन-देन करते समय यदि संयम नहीं रखा गया तो धोखा, घाटा या चोरी संभव है. जरूरत से ज्यादा खर्च, दिखावे का शौक या बिना सोचे निवेश विनाश का रास्ता बन सकता है.

सार्वजनिक स्थल पर बातचीत करते समय

चाणक्य नीति के अनुसार इंसान की जीभ ऐसी चीज है जो किसी को क्षण भर में राजा तो किसी रंक बना सकती है. इसलिए सार्वजनिक स्थानों, ऑफिस, या सोशल मीडिया जैसे प्लेटफॉर्म पर जुबान पर कंट्रोल न रखने पर अपमान, बदनामी और कानूनी परेशानियां झेलनी पड़ सकती हैं. इसलिए इंसान को इन जगहों पर क्या बोलना है, कहां और कैसे बोलना है यह यह सीखना बहुत जरूरी है.

स्त्री या पुरुष के प्रति आकर्षण होने पर

कई बार इंसान जिंदगी में बहुत अधिक अकेला हो जाता है. ऐसी स्थिति में जब भी उन्हें अवसर मिलता है कामवासना में बहकर खुद पर कंट्रोल नहीं रख पाता है. चाणक्य के अनुसार “कामवासना पर नियंत्रण न होने पर व्यक्ति अपना सम्मान खोता है.” अगर स्त्री या पुरुष के प्रति आकर्षण या गलत भावना पर नियंत्रण नहीं रखा गया तो यह सामाजिक प्रतिष्ठा, विवाह और जीवन तक को बर्बाद कर सकता है.

सत्ता या अत्याधिक सफलता मिलने पर

चाणक्य कहते हैं कि जो व्यक्ति किसी ऊंचाई पर पहुंचकर स्वयं को सबसे श्रेष्ठ मान लेता है, वह उसे वहां से गिरने में देर नहीं लगती.” क्योंकि सफलता, पद या धन मिलने पर अहंकार आना स्वाभाविक हैय लेकिन यदि संयम नहीं रखा गया, तो वही घमंड विनाश की वजह बन सकता है. इतिहास ऐसे उदाहरणों से भरा पड़ा है.

Also Read: Chanakya Niti: चुपचाप अपनाओ ये 5 नीतियां, लोग कहेंगे की इसको कैसे मिली इतनी सफलता?

संबंधित खबर
संबंधित खबर और खबरें

Life and Style

होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version