गलती से भी किसी के साथ न साझा करें पत्नी से जुड़ी ये बातें, नहीं तो जीवन का हो जाएगा बेड़ा गर्क

Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य के अनुसार, पत्नी से जुड़ी कुछ बातें ऐसी होती हैं जिन्हें किसी से भी साझा नहीं करना चाहिए. जानिए चाणक्य नीति के अनुसार कौन-सी 5 बातें दूसरों को बताना रिश्तों और सम्मान के लिए हानिकारक हो सकता है.

By Sameer Oraon | May 21, 2025 10:35 PM
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Chanakya Niti: प्राचीन भारत के महान अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ और नीति-शास्त्र के ज्ञाता आचार्य चाणक्य ने सफल वैवाहिक जीवन के कई अहम बातें बतायी हैं. इसमें उन्होंने पति पत्नी के रिश्तों को लेकर कुछ बातों को किसी के साथ साझा करने से बचना चाहिए, खासकर वो बातें पत्नी से जुड़ी हुई हो. ऐसे करने से रिश्तों में न सिर्फ दरार आ सकती है, बल्कि व्यक्ति की सामाजिक छवि और मानसिक शांति पर भी असर पड़ सकता है. आइए जानते हैं चाणक्य के अनुसार कौन-सी बातें कभी किसी को नहीं बतानी चाहिए.

पत्नी की कमजोरी या दोष

अगर पत्नी में किसी चीज की कमी है तो उसे यह बातें दूसरों को नहीं बतानी चाहिए. चाणक्य कहते हैं, “अपनों की कमियों को बाहर बताना आत्मघात के समान है.” इससे रिश्ते में सम्मान की जगह अपमान आ सकता है.

पति-पत्नी का आपसी विवाद

हर रिश्ते में छोटे-मोटे मतभेद होते हैं, लेकिन उन्हें घर की चारदीवारी तक ही सीमित रखना चाहिए. चाणक्य के अनुसार, इन विवादों को दूसरों से साझा करने से लोग आपका मजाक बना सकते हैं या रिश्ते में जहर घोल सकते हैं.

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पत्नी के स्वास्थ्य या व्यक्तिगत समस्याएं

अगर पत्नी किसी शारीरिक या मानसिक परेशानी से जूझ रही है, तो उसका जिक्र किसी अजनबी या मित्र से करना पत्नी की निजता का उल्लंघन है. चाणक्य कहते हैं कि “गृहस्थी की बातों को सार्वजनिक करना बुद्धिमानी नहीं, मूर्खता है.”

दांपत्य जीवन की अंदर की बातें

पति-पत्नी के बीच की अंदर की बातें किसी तीसरे व्यक्ति से साझा नहीं करना चाहिए. क्योंकि आप दोनों की किसी भी मसलें पर बातें निजी विषय है. अन्य व्यक्तियों के साथ इसे साझा करना न केवल अशोभनीय है, बल्कि इससे रिश्ते की पवित्रता भंग हो जाती है. चाणक्य स्पष्ट रूप से ऐसा करने से वर्जित करते हैं.

पत्नी की राय या निर्णय की आलोचना

अगर पत्नी ने किसी विषय पर कोई निर्णय लिया है और वह गलत साबित हो गया, तो उसकी आलोचना दूसरों के सामने करने से बचना चाहिए. इससे पत्नी का आत्मविश्वास टूट सकता है और समाज में आपकी भी परिपक्वता पर प्रश्न उठ सकते हैं. चाणक्य ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि “गृहस्थ जीवन में सफलता और सुख उसी को मिलता है, जो अपनों की बातों को अपने तक ही सीमित रखता है. गोपनीयता ही रिश्तों की गरिमा बनाए रखती है.”

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