परोपकारी
आचार्य चाणक्य का मानना है कि अगर किसी व्यक्ति में परोपकारी का गुण है, तो उसे निश्चित रूप से स्वर्ग की प्राप्ति होगी ही. परोपकार का गुण रखने वाले व्यक्ति से यह तात्पर्य है कि ऐसा व्यक्ति जो बिना अपना स्वार्थ रखे लोगों की सेवा करे और लोगों के हित के बारे में सोचे. आचार्य चाणक्य के अनुसार ऐसे लोग भगवान को बहुत प्रिय होते हैं और उन्हें स्वर्ग की प्राप्ति होती है.
मीठे वचन
ऐसे लोग जो हर स्तिथि में अपनी गरिमा और मर्यादा का ध्यान रखते हुए, कभी-भी कड़े वचन का प्रयोग नहीं करते हैं और हर समय अपने मुख से मीठे वचन ही निकालते हैं. ऐसे लोग जो अपने साथ बुरा होने के बाद भी अपने मुख से बुरे शब्द नहीं निकालते हैं, आचार्य चाणक्य के अनुसार ऐसे लोगों को भी स्वर्ग की प्राप्ति होती है.
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भगवान की आराधना करने वाले लोग
आचार्य चाणक्य के अनुसार ऐसे लोग जो हमेशा भगवान के भाव में डूबे रहते हैं और हर सुख-दुख में भगवान के नाम का ही जाप करते हैं, ऐसे लोग भगवान के बहुत प्रिय होते हैं और उन्हें स्वर्ग की प्राप्ति होती है.
जरूरतमंदों की सेवा करने वाले लोग
ऐसे लोग जो अपनी खुशी से ज्यादा दूसरों की खुशी के बारे में सोचते हैं और हर वक्त सेवा का कार्य करते रहते हैं. आचार्य चाणक्य के अनुसार ऐसे लोगों का दिल बहुत साफ होता है और जिन लोगों का दिल बहुत साफ होता है, उनके लिए स्वर्ग के दरवाजे हमेशा खुले रहते हैं.
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