Chanakya Niti: इस लेख में आपको यह बताने का प्रयास किया गया है कि ऐसे कौन से लोग हैं जिनके बारे में चाणक्य का यह मानना है कि ऐसे लोग पशु के समान है और धरती पर केवल भार मात्र हैं.
By Tanvi | November 1, 2024 6:59 PM
Chanakya Niti: दुनिया में कई प्रकार के लोग पाए जाते हैं और सबके अंदर कुछ गुण और कुछ अवगुण भी होते हैं. आचार्य चाणक्य ने अपनी नीति शास्त्र से व्यक्तियों के कुछ ऐसे अवगुणों के बार में बताया है, जिन अवगुणों के बारे में चाणक्य का यह मानना है कि ऐसे व्यक्ति जिनमें इस प्रकार के अवगुण पाए जाते हैं, वो इंसान होते हुए भी पशु के समान हैं और उनका धरती पर होना, केवल धरती के बोझ को बढ़ाता है. अपने नीति शास्त्र में चाणक्य ने ऐसे कई बातों का जिक्र किया है जो मनुष्य का जीवन के हर मोड़ पर मार्गदर्शन करने का काम करती है. इस लेख में आपको यह बताने का प्रयास किया गया है कि ऐसे कौन से लोग हैं जिनके बारे में चाणक्य का यह मानना है कि ऐसे लोग पशु के समान है और धरती पर केवल भार मात्र हैं.
अज्ञानी
जिन लोगों के पास किसी भी प्रकार का कोई ज्ञान नहीं है, उनके बारे में चाणक्य का यह मानना है कि ऐसे लोगों और पशुओं में कोई अंतर नहीं है. चाणक्य इस बात में विश्वास रखते हैं कि मनुष्य का जीवन किसी भी जीव को बहुत नसीबों और अच्छे कर्मों से प्राप्त होता है और जो लोग इस कीमती जीवन को भी व्यर्थ कर देते हैं, वो धरती पर किसी बोझ के समान ही माने जाते हैं.
ऐसे लोग जो बुरा स्वभाव रखते हैं, उनके बारे में भी आचार्य चाणक्य का यह मानना है कि ऐसे लोग भी पशु के समान ही हैं, क्योंकि बुरा स्वभाव रखने वाले लोगों में भावनाओं की कमी होती है, यही कारण है कि ऐसे लोग किसी के साथ अच्छा व्यवहार नहीं करते हैं और इसी कारण कोई भी व्यक्ति ऐसे व्यक्तियों के साथ रहना पसंद नहीं करता है.
निर्दयी
आचार्य चाणक्य का यह मानना है कि ऐसे लोग जिनमें दया भाव की कमी पाई जाती है, वो भी धरती पर बोझ के ही समान है, ऐसा इसलिए है क्योंकि आचार्य चाणक्य का यह मानना है कि दयालुता एक ऐसा गुण है, जो सभी व्यक्तियों में आवश्यक रूप से होना चाहिए, क्योंकि यही वह गुण है जो इंसान को इंसान से जोड़े रखता है.