कोई भी शुभ कामों का ना होना
आचार्य चाणक्य के अनुसार जिन घरों में कोई भी या फिर किसी भी तरह का शुभ काम नहीं होता है उस घर को श्मशान घाट के समान माना जाता है. माना जाता है कि घरों में रहने वाले लोग मर चुके हैं. इन लोगों में न जीवन और जीने की इच्छा बची हुई है. अगर आप नहीं चाहते हैं कि ऐसा हो तो आपको समय-समय पर अपने घर पर सत्यनारायण की कथा, पूजा और हवन जरूर कराना चाहिए. जब आप ऐसा करते हैं तो आपके घर और जीवन में पॉजिटिव एनर्जी का आगमन होता है.
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घर पर पूजा-पाठ न होना
आचार्य चाणक्य के अनुसार आपको अपने घर पर प्रतिदिन पूजा-पाठ करते रहना चाहिए. मान्याओं के अनुसार जिन घरों में ऐसा नहीं किया जाता उन घरों में कभी भी भगवान का वास नहीं होता है. इन घरों में रहने वाले लोगों को अपना पूरा जीवन दरिद्रता में बिताना पड़ता है.
घर पर ब्राह्मणों की इज्जत न करना
आचार्य चाणक्य के अनुसार जिन घरों में पंडितों का या फिर ब्राह्मणों का आदर-सत्कार नहीं किया जाता है या फिर अगर वे कुछ मांगने आते हैं और उन्हें खाली हाथ लौटाया जाता है इन घरों में कभी भी ईश्वर की कृपा नहीं बरसती है. आचार्य चाणक्य के अनुसार अगर आपके घर पर कोई ब्राह्मण आये तो उन्हें दक्षिणा देकर ही विदा करें. जब आप ऐसा करते हैं तो आपके घर पर सुख और समृद्धि का वास होता है.
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