Chanakya Niti: कभी-भी लोगों को नहीं बतानी चाहिए ये तीन बातें
Chanakya Niti: इस लेख में हम आपको उन तीन चीजों के बारे में बताने का प्रयास कर रहे हैं, जिनके बारे में आचार्य चाणक्य का यह मानना है कि एक बुद्धिमान व्यक्ति को कभी भी ये बात किसी को नहीं बतानी चाहिए.
By Tanvi | August 13, 2024 8:52 PM
Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य ने अपनी नीतियों में ऐसी तीन बातों का जिक्र किया है, जिनके बारे में उनका यह मानना है कि एक बुद्धिमान व्यक्ति को इस बात पर हमेशा ध्यान देना चाहिए कि वो गलती से भी बाहरी लोगों को इन चीजों के बारे में ना बतलाए, क्योंकि आचार्य चाणक्य का मानना है कि इन तीन चीजों को लोगों के सामने जाहिर करने से व्यक्ति की समस्या बढ़ सकती है. आचार्य चाणक्य ने अपनी नीतियों में ऐसी कई बातों का जिक्र किया है, जिसमें उन्होंने साफ और सटीक शब्दों में व्यक्ति को यह समझाने का प्रयास किया है कि उसे क्या करना चाहिए और क्या नहीं और यह भी बताया है कि किन चीजों से व्यक्ति की समस्या बढ़ सकती है. इन्हीं सटीक उत्तरों के कारण चाणक्य नीति की लोकप्रियता बहुत अधिक है. इस लेख में हम आपको उन तीन चीजों के बारे में बताने का प्रयास कर रहे हैं, जिनके बारे में आचार्य चाणक्य का यह मानना है कि एक बुद्धिमान व्यक्ति को कभी भी ये बात किसी को नहीं बतानी चाहिए.
उसके पास पैसों की कमी है
आचार्य चाणक्य का यह मानना है कि एक बुद्धिमान व्यक्ति को कभी-भी ये बात लोगों को नहीं बतानी चाहिए कि उसके पास पैसों की कमी है या वो पैसों की तंगी से गुजर रहा है, क्योंकि जब व्यक्ति किसी पराय इंसान को यह बात बतलाता है, तो व्यक्ति उसका सहयोग करेगा इसकी संभावना कम रहती है, बल्कि वह उसकी इस हालत से खुश होगा इसकी संभावना अधिक होती है, इसलिए व्यक्ति को हमेशा यह ध्यान रखना चाहिए कि उसकी स्थिति के बारे में किसी को पता ना चले.
चाणक्य नीति के अनुसार व्यक्ति को कभी भी किसी को यह नहीं बताना चाहिए कि उसे बहुत गुस्सा आता है, क्योंकि इस अवगुण की सबसे बड़ी कमजोरी यह होती है कि जब व्यक्ति गुस्से में रहता है, तो उसे सही-गलत का फर्क दिखना बंद हो जाता है और अगर उसके इस अवगुण के बारे में किसी को पता चल जाए तो वो आसानी से उस व्यक्ति का फायदा भी उठा सकता है.
उसको किसी ने अपमानित किया हो
आचार्य चाणक्य का मानना है कि व्यक्ति को कभी-भी किसी पराय को ये बात नहीं बतानी चाहिए कि किसी ने उसका अपमान किया है, क्योंकि उस वक्त तो लोग उसके सामने सहानुभूति प्रदर्शित करेंगे, लेकिन पीठ-पीछे या कुछ समय बाद, ये विषय उनके लिए बस एक हास्य का विषय बन कर रह जाएगा.