Emotional Eating Symptoms: आम जिंदगी में कई बार हम जरूरत से ज्यादा और अक्सर बिना न्यूट्रिशन वाले भोजन कर लेते हैं. लेकिन कई बार हमें इसका पता नहीं चलता है. यह इमोशनल ईटिंग का संकेत हो सकता है. हमें यह समझने के लिए कुछ संकेतों पर ध्यान देना चाहिए कि क्या हम भी इस समस्या का सामना कर रहे हैं. इसके बाद खुद से कुछ जरूरी सवाल पूछकर हम अपनी आदतों को पहचान सकते हैं.
इमोशनल ईटिंग के संकेत:
हर किसी में इमोशनल ईटिंग के संकेत और पैटर्न अलग-अलग हो सकते हैं. इसके लिए यह जानना जरूरी है कि कौन सी परिस्थितियां हमारे खाने की आदतों को प्रभावित करती है.
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क्या है संकेत
- परेशान होने की वजह से अनहेल्दी और खराब खाना खाते हैं?
- परेशान होने पर कुछ विशेष तरह के फूड खाने की इच्छा ज्यादा होती है?
जब कुछ काम नहीं रहता है तो क्या बिना सोचे-समझे कुछ न कुछ अनहेल्दी खाना खाते हैं? - क्या खराब दिन पर अनहेल्दी फूड खाने का चांस बढ़ जाता है?
- क्या परिवार या दोस्तों के साथ कम अनहेल्दी खाना खाता हैं?
- खुश होने पर सिर्फ हेल्दी फूड खाते हैं
- क्या कुछ खास फूड सामने आ जाने पर सेल्फ-कंट्रोल खत्म हो जाता है?
- क्या खाने का पैटर्न हमेशा एक जैसा रहता है, चाहे मूड जैसा भी हो?
- क्या निराश होने पर पर प्रोसेस्ड स्नैक्स ज्यादा खाते हैं?
- क्या हेल्दी खाना खाकर खुद को बेहतर महसूस करते हैं?
- क्या आपने हेल्दी खाना खाकर कोशिश करना ही बंद कर दिया
- क्या थकान भरा दिन के बाद, मुझे लगता है कि मैं जो खाता हूं, उस पर मेरा कोई कंट्रोल नहीं है?
- क्या तनाव महसूस करने पर सामान्य से कहीं ज्यादा खाता हैं?
- क्या टेस्टी, कंफर्ट फूड मेरे लिए जीवन की परेशानियों से निपटने का तरीका बन गया है?
- क्या अक्सर लगता है कि फूड मुझे कंट्रोल करता है, न कि मैं फूड को कंट्रोल करता हूं?
- क्या दुखी होने पर खुद को खुश करने के लिए मीठा खाते हैं?
- क्या बोरियत महसूस होने पर बिना सोचे-समझे कुछ खाने लगते हैं?
- क्या एंग्जाइटी महसूस करने पर टेस्टी फूड खाने से शांति मिलती है?
- क्या परेशान या तनाव में होने पर कुछ भी खाने की इच्छा नहीं होती?
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अपने पैटर्न को पहचाने और समझें
इन सवालों से यह पता चल सकता है कि हम इमोशनल ईटिंग का शिकार तो नहीं हैं. अगर हां, तो इसका मतलब यह है कि हमारे खाने की आदतें हमारी मानसिक स्थिति और भावनाओं से जुड़ी हुई हैं. यह सिर्फ एक शारीरिक आवश्यकता नहीं, बल्कि एक इमोशनल और मानसिक प्रतिक्रिया भी हो सकती है. अगर इन पैटर्न्स का पहचानकर हम उनपर ध्यान दे सकते हैं, तो हम अपनी आदतों में सुधार ला सकते हैं और हेल्दी खाने की दिशा में कदम बढ़ा सकते हैं.
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