Premanand Ji Maharaj: सब कुछ भगवान की इच्छा से, फिर क्यों भुगतना पड़ता है फल? प्रेमानंद जी महाराज ने बताई वजह

Premanand Ji Maharaj: अक्सर सुनते रहते हैं कि भगवान की इच्छा के बिना संसार में एक पत्ता भी नहीं हिलता है. ऐसे ही एक सवाल को लेकर एक महिला श्रद्धालु प्रेमानंद जी महाराज के पास पहुंची, जिसका उन्होंने तर्क के साथ जवाब दिया.

By Shashank Baranwal | February 17, 2025 5:45 PM
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Premanand Ji Maharaj: प्रेमानंद जी महाराज आज किसी परिचय के मोहताज नहीं है. उनके दर्शन के लिए लोग लालायित रहते हैं. आम आदमी से लेकर बड़े-बडे़ सेलिब्रिटी और राजनेता आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए उनके दर पर जाते हैं. अपने सत्संग में वह हमेशा भक्तों और श्रद्धालुओं को सद्मार्ग पर चलने की बात कहते हैं. इंटरनेट पर उनके उपदेश वायरल रहते हैं. सोशल मीडिया प्रेमानंद जी के लाखों श्रद्धालु हैं. भक्त दर्शन के साथ-साथ सांसारिक मोह माया और दिमाग में चल रही उलझनों को लेकर सवाल करते रहते हैं. जिसका प्रेमानंद जी महाराज बड़े आसान शब्दों में तर्क संगत जवाब देते हैं.

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महिला ने प्रेमानंद जी से किया सवाल

अक्सर सुनते रहते हैं कि भगवान की इच्छा के बिना संसार में एक पत्ता भी नहीं हिलता है. ऐसे ही एक सवाल को लेकर एक महिला श्रद्धालु प्रेमानंद जी महाराज के पास पहुंची. इस दौरान उस महिला ने प्रेमानंद जी महाराज से पूछा कि अगर सब कुछ भगवान की मर्जी से ही होता है, तो उसका फल हमें क्यों भोगना पड़ता है? प्रेमानंद जी ने महिला श्रद्धालु के इस सवाल का बहुत सुंदर जवाब दिया, जिसे सुनकर हर कोई हैरान रह गया.

प्रेमानंद जी महाराज ने दिया ये जवाब

प्रेमानंद जी महाराज ने महिला के प्रश्न का जवाब देते कहा कि अपनी मर्जी से आचरण करा बंद कर दीजिए, तो फिर आपको फल नहीं भोगने पड़ेंगे. उन्होंने श्रद्धालु को समझाया कि आपके मन में आ रहे विचार, इच्छाओं के साथ जो फैसले लेते हैं, वे भगवान की मर्जी नहीं होते हैं. ये आपकी मर्जी से होता है. जो कर्म आप कर रहे हैं, उसके जिम्मेदार आप हैं. उसे भगवान पर नहीं थोपा जा सकता है. वह कहते हैं कि जब तक इंसान का मन नहीं मर जाता है, तब तक भगवान को नहीं पाया जा सकता है. अगर आप अच्छा कर्म करोगे, तो अच्छा फल मिलेगा और बुरा कर्म करोगे तो बुरा फल. मन और अहंकार भगवान को समर्पित हो जाता है, तो ही जीवन से मुक्ति मिलती है.

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Disclaimer: यह आर्टिकल सामान्य जानकारियों और मान्यताओं पर आधारित है. प्रभात खबर किसी भी तरह से इनकी पुष्टि नहीं करता है.

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