बुरे विचारों से मुक्ति का रास्ता, अपनाएं प्रेमानंद जी महाराज की ये सीख
Premanand Ji Maharaj: आज के समय में काफी भागदौड़ भरी जिंदगी में नकारात्मक विचार कभी-कभी मन की शांति छीन लेते हैं. ऐसे में संतों की वाणी संजीवनी का काम करती है. प्रेमानंद जी महाराज की सहज, शांत और सारगर्भित बातें मन को स्थिरता और दिशा प्रदान करती हैं.
By Shashank Baranwal | April 27, 2025 8:46 AM
Premanand Ji Maharaj: प्रेमानंद जी महाराज एक ऐसे परम संत हैं जिनकी दिव्य उपस्थिति से मन को शांति और आत्मा को ईश्वर की निकटता का अनुभव होता है. उनका मधुर स्वभाव, विनम्र व्यवहार और संतुलित सोच हर हृदय को स्पर्श करती है. उनके प्रवचन केवल धार्मिक उपदेश नहीं, बल्कि आत्मचिंतन और जागृति का माध्यम हैं. सोशल मीडिया के जरिए वे आज लाखों लोगों के जीवन में प्रेम, श्रद्धा और संतुलन की भावना भर रहे हैं. जब श्रद्धालु अपने जीवन की उलझनों को उनके सामने रखते हैं, तो वे सहजता और करूणा के साथ उत्तर देकर उन्हें मार्गदर्शन प्रदान करते हैं. यही गुण उन्हें एक सच्चे संत की पहचान देते हैं. आज के समय में काफी भागदौड़ भरी जिंदगी में नकारात्मक विचार कभी-कभी मन की शांति छीन लेते हैं. ऐसे में संतों की वाणी संजीवनी का काम करती है. प्रेमानंद जी महाराज की सहज, शांत और सारगर्भित बातें मन को स्थिरता और दिशा प्रदान करती हैं.
प्रेमानंद जी महाराज कहते हैं कि मन में बुरे विचार आना स्वाभाविक है, इन्हें रोका नहीं जा सकता, लेकिन सही दिशा दी जा सकती है. ऐसे विचारों से घबराने की बजाय, शांत रहकर खुद को संभालें. तनाव लेने से वे और गहराते हैं. इसका सरल और प्रभावी उपाय है प्रभु का स्मरण, जो मन को स्थिरता और सच्ची शांति देता है.
प्रेमानंद जी महाराज का कहना है कि जब जीवन में उलझनें बढ़ जाएं, मन अशांत हो और कोई राह न सूझे, तब ईश्वर का नाम ही सच्चा सहारा है. यह केवल विचार नहीं, अनुभव की बात है. जो भी सच्चे मन से स्मरण करता है, उसके भीतर शांति उतरती है और नकारात्मकता धीरे-धीरे दूर हो जाती है.
प्रेमानंद जी महाराज समझाते हैं कि खाली मन हर तरह के विचारों का घर बन जाता है. इसलिए मन को खाली न रहने दें. उसे अच्छे विचारों से भरें- कुछ सकारात्मक पढ़ें, संतों की संगति करें और सत्संग में समय बिताएं. ऐसा करने से सोच शुद्ध होती है और जीवन में सकारात्मक परिवर्तन अपने आप आने लगते हैं.