Gandhi Jayanti speech ideas in hindi: देश को अंग्रेजों की गुलामी से निजात दिलाने वाले महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्तूबर 1869 में गुजरात के पोरबंदर जिले में हुआ था. पूरी दुनिया इसे अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में मनाती है. उन्होंने अहिंसा के रास्ते पर चलकर अंग्रेजों को देश से बाहर खदेड़ दिया था.
उनकी इस आजादी की लड़ाई में देश के हर शख्स ने हिस्सा लिया, जिसकी बदौलत हम आज पूरी आजादी से जी रहे हैं. गांधी जयंती के मौके पर देशभर में अभियान, रैलियां, पोस्टर-मेकिंग और भाषण जैसे कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं.
भाषण की शुरूआत
जैसा कि आप सभी जानते हैं कि हम यहां महात्मा गांधी की 151वीं जयंती मनाने के लिए आए हैं. महात्मा गांधी एक नाम नहीं बल्कि एक विचार धारा है. मोहनदास करमचंद गांधी, जिन्हें महात्मा गांधी के नाम से जाना जाता है. उनका जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के छोटे से शहर पोरबंदर में हुआ था.
2 अक्टूबर – अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस
गांधी जयंती की सबसे खास बातों में से एक यह है कि इस दिन को पूरी दुनिया अहिंसा दिवस के रूप में मनाती है. 15 जून 2007 को यूनाइटेड नेशंस जेनरल असेंबली ने इस तारीख को अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में मानए जाने के लिए सर्वसहमति से वोट दिया था. कहा गया था कि – गांधी जी ने दुनिया को सिखाया है कि शांति का मार्ग अपनाकर भी आजादी पाई जा सकती है. उनका मानना था कि हिंसा का रास्ता चुनकर हम कभी अपने अधिकार नहीं पा सकते. अहिंसा की राह पर चलकर ही राष्ट्रपिता ने दक्षिण अफ्रीका में करीब 75 हजार भारतीयों को उनके अधिकार दिलाए थे.
बापू और भारत छोड़ो आंदोलन
1942 में भारत छोड़ों आंदोलन गांधी जी ने 1930 में 400 किमी दांडी नमक मार्च के साथ अंग्रेजों द्वारा लगाए गए नमक कर को चुनौती देने में भारतीयों का नेतृत्व किया और बाद में 1942 में अंग्रेजों को भारत छोड़ने का आह्वान किया, जिसके बाद 1942 से 47 के बीच देश की स्थिति में बड़े बदलाव आया और अंग्रेजी हुकूमत पूरी तरह से हिलने लगी. वहीं इस बीच देश के अंदर अशांति का माहौल फैल गया, जिसके बाद अंग्रेजों ने देश के दो टुकड़े करने का ऐलान कर दिया. 1947 में भारत-पाकिस्तान के विभाजन के दौरान गांधीजी ने कई विस्थापित हिंदुओं, मुसलमानों और सिखों की मदद की, लेकिन इंसानियत के दुश्मन नाथूराम गोडसे ने 30 जनवरी 1948 को बापू के सीने में तीन गोलियां दागकर उनकी हत्या कर दी.
छात्र इस बात का रखें खास ख्याल
गांधी जयंती पर छात्र इसका रखें विशेष ध्यान छात्रों को सलाह दी जाती है कि वे भाषण को एक कागज पर लिखें और आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए शीशे के सामने इसका अभ्यास शुरू करें. अपने भाषण को संक्षिप्त रखें और दर्शकों पर प्रभाव डालने के लिए अपनी आवाज थोड़ी बुलंद रखें.
Posted By: Shaurya Punj
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