– पुनर्जन्म का सिद्धांत
गरुड़ पुराण में पुनर्जन्म की प्रक्रिया और इसके कारणों को विस्तार से बताया गया है. आत्मा के शरीर छोड़ने के बाद एक नया जन्म लेने की प्रक्रिया यहा वर्णित है.
– कर्मों का प्रभाव
गरुड़ पुराण के अनुसार, हमारे पिछले जीवन के कर्म ही हमारे अगले जन्म का निर्धारण करते हैं. अच्छे कर्म अच्छे जन्म की ओर और बुरे कर्म बुरे जन्म की ओर ले जाते हैं.
– यमराज का उल्लेख
गरुड़ पुराण में यमराज का प्रमुख स्थान है. वह आत्माओं का हिसाब लेते हैं और उनके कर्मों के अनुसार उन्हें दंड या पुण्य प्रदान करते हैं.
– संसारिक बंधन
जीवन के बाद पुनर्जन्म से निकलने के लिए आत्मा को संसारिक बंधनों से मुक्त होना आवश्यक है, जो केवल साधना और भक्ति से संभव होता है.
– आत्मा का अमरत्व
गरुड़ पुराण में यह भी कहा गया है कि आत्मा अमर होती है, यह केवल शरीर बदलती है, लेकिन कभी मरती नहीं.
– सद्गति प्राप्ति
आत्मा के लिए सद्गति यानी मोक्ष प्राप्ति का मार्ग भी गरुड़ पुराण में बताया गया है, जो कर्म, भक्ति और ज्ञान के संयोजन से हासिल होता है.
– पुण्य और पाप
पुण्य और पाप के महत्व को समझाते हुए यह पुराण यह भी बताता है कि कौन से कर्म अच्छे माने जाते हैं और कौन से बुरे.
– प्रेत योनि
गरुड़ पुराण में प्रेत योनि (भूत-प्रेत) का उल्लेख भी है, जिसमें उन आत्माओं का वर्णन है जो अधूरे कर्मों के कारण भटकती रहती हैं.
– आध्यात्मिक शिक्षा
यह पुराण हमें आध्यात्मिक शिक्षा भी देता है, जिससे हम अपने कर्मों के प्रति जागरूक होकर सही मार्ग पर चल सकें.
– स्वधर्म पालन
गरुड़ पुराण में स्वधर्म के पालन को अत्यधिक महत्व दिया गया है, ताकि जीवन में संतुलन और सच्चे मार्ग का पालन हो सके.
यह भी पढ़ें : Garuda Purana : गरुड़ पुराण में बताई है जीवन के बाद की ये 10 बातें
यह भी पढ़ें : Garuda Purana : गरुड़ पुराण में बताए गए है मृत्यु के बाद के 10 सबसे खतरनाक दंड
यह भी पढ़ें : Garuda Purana : मृत्यु के लिए लिखी है गरुड़ पुराण में ये बातें, आप भी पढ़िये
गरुड़ पुराण का अध्ययन करने से हम जीवन के रहस्यों को समझ सकते हैं और अपने कर्मों को सही दिशा दे सकते हैं.