- “सत्यं परम् धर्मः”
सत्य सबसे बड़ा धर्म है.
- “कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन”
तुम्हारा अधिकार केवल कर्म करने में है, फल में नहीं.
- “यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत”
जब-जब धर्म की हानि होती है, तब-तब मैं धरती पर अवतार लेता हूं.
- “विद्यां दातुमिह प्रार्थ्यं न तु धनं प्रदातुम्”
ज्ञान देना सबसे बड़ा दान है, न कि मात्र धन देना.
- “अहिंसा परमो धर्मः”
अहिंसा सबसे बड़ा धर्म है.
- “सुखे कान्तिं यथाशक्ति, दुःखे कान्तिं न यथाशक्ति”
सुख में जितनी चाहो उतनी खुशी मनाओ, दुःख में उतना ही सहन करो.
- “जन्म मरण सदा दुःखं परित्यागो हि सौम्यतमः”
जन्म और मरण से जुड़े दुखों को त्यागना ही सबसे बड़ा सुख है.
- “यत्र योगेश्वरः कृष्णो यत्र पार्थो धनुर्धर”
जहां योगेश्वर कृष्ण और अर्जुन होते हैं, वहां विजय होती है.
- “दया न हि स्थितिः प्रज्ञा, न हि कांति न हि शुद्धता”
दया, बुद्धि, सुंदरता और पवित्रता ही सच्चे गुण हैं.
- “कर्म हेयः सदा धर्मः, धर्मे स्थिता न तिष्ठति”
कर्म ही धर्म है, और धर्म पर ही स्थिर रहना चाहिए.
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गरुड़ पुराण में छुपे ये उद्धरण जीवन के हर पहलू पर गहरी शिक्षाएं देते हैं. इन्हें पढ़कर हम अपने जीवन को बेहतर बना सकते हैं.