Gita Updesh: क्या आपको भी मोह ने जकड़ लिया है? गीता के इन 3 उपदेश से पाएं मुक्ति
Gita Updesh: गीता उपदेश आत्मज्ञान, कर्म, भक्ति और योग के माध्यम से जीवन के सर्वोत्तम बनाने का काम करता है. गीता का उपदेश सिखाता है कि संसार में रहते हुए हमें अपने कर्तव्यों को निभाना चाहिए, लेकिन साथ ही हमारे कार्यों में कोई स्वार्थ या मोह नहीं होना चाहिए.
By Shashank Baranwal | April 5, 2025 8:01 AM
Gita Updesh: श्रीमद्भगवद्गीता में जीवन का सार बताया गया है. इसमें लिखी बातें जीवन जीने की कला सिखाती हैं. यह जीवन के विभिन्न पहलुओं आधारित है, जो कि जीवन को सही दिशा प्रदान करने में मदद करता है. गीता उपदेश आत्मज्ञान, कर्म, भक्ति और योग के माध्यम से जीवन के सर्वोत्तम बनाने का काम करता है. गीता का उपदेश सिखाता है कि संसार में रहते हुए हमें अपने कर्तव्यों को निभाना चाहिए, लेकिन साथ ही हमारे कार्यों में कोई स्वार्थ या मोह नहीं होना चाहिए. ऐसे में भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को मोह, अभिमान और आसक्ति से परे रहने का मार्ग सुझाया था, क्योंकि मोह व्यक्ति को आगे बढ़ने से रोकता है. ऐसे में गीता के कुछ उपदेश हैं, जो कि मोह को त्यागने का आसान उपाय सुझाते हैं.
कर्म पर ध्यान दें
गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने कर्म योग का सिद्धांत दिया है. वे कहते हैं कि व्यक्ति को सिर्फ कर्म पर ध्यान देना चाहिए. किसी भी काम को बिना स्वार्थ, मोह और लालच के करना चाहिए. बाकी सब भगवान पर छोड़ देना चाहिए. कर्म करने से मिलने वाले फल की चिंता व्यक्ति को नहीं करनी चाहिए, क्योंकि यह मोह को जन्म देने का काम करता है.
भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं जीवन में संतुलन बहुत जरूरी होता है. सुख-दुख जीवन को संतुलित बनाए रखने का काम करता है, क्योंकि यह संतुलन व्यक्ति को आत्मनिर्भर और शांत बनाए रखने का काम करता है. ऐसे में व्यक्ति को न तो ज्यादा सुख की तलाश नहीं करनी चाहिए. यह व्यक्ति को मोह से मुक्ति दिलाने का काम करता है.
भौतिक चीजों पर आसक्ति
गीता उपदेश में बताया गया है कि शारीरिक और भौतिक चीजों के प्रति आसक्ति मोह को दर्शाता है. आज का मनुष्य इन्हीं चीजों में फंसकर अपना सारा जीवन नष्ट कर देता है. हालांकि व्यक्ति को आत्मा की वास्तविकता को समझना चाहिए, क्योंकि आत्मा न तो मरती है और न ही जन्म लेती है. ऐसे में हमें आत्मा को शुद्ध बनाने के प्रति ध्यान देना चाहिए. संसार की भौतिक चीजों के प्रति मोह-माया नहीं रखना चाहिए.