Gita Updesh: पैसों की तंगी से रहते है परेशान- इन लोगों पर नहीं बरसती मां लक्ष्मी की कृपा

Gita Updesh: श्रीमद्भगवद्गीता के अनुसार, जो लोग प्रमादी, आलसी, नास्तिक और इंद्रियों के दास होते हैं, उनके जीवन में मां लक्ष्मी की कृपा नहीं टिकती.

By Pratishtha Pawar | May 12, 2025 9:00 PM
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Gita Updesh: धन, वैभव और समृद्धि की देवी मानी जाने वाली मां लक्ष्मी की कृपा हर कोई चाहता है. लेकिन गीता के उपदेशों में श्रीकृष्ण ने स्पष्ट किया है कि कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जिनके जीवन में लक्ष्मी कभी स्थायी रूप से नहीं टिकती.

दरअसल, मां लक्ष्मी अनुशासन, श्रम और भक्ति की प्रतीक हैं, और वे वहां वास नहीं करतीं जहां आलस्य, प्रमाद और अधर्म का वास हो. गीता में श्रीकृष्ण ने ऐसे लोगों की पहचान कराई है जो मां लक्ष्मी की कृपा से वंचित रहते हैं.

प्रमादी, आलसी, नास्तिक, अजितेन्द्रिय और उत्साहहीन व्यक्ति के यहां लक्ष्मी का वास नहीं होता, वहां दरिद्रता निवास करती है.

– गीता उपदेश

Reasons for poverty in Gita Updesh: Gita lessons on laziness श्रीमद्भगवद्गीता के अनुसार मां लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए बदलें ये आदतें

1. प्रमादी व्यक्ति

प्रमादी वह होता है जो लापरवाह होता है, जिसे समय की कद्र नहीं होती और जो अपने कर्तव्यों से विमुख रहता है. गीता के अनुसार, ऐसे व्यक्ति के जीवन में मां लक्ष्मी टिकती नहीं, क्योंकि वह अपने कर्म को ठीक से नहीं निभाता. लापरवाही ही दरिद्रता का द्वार खोलती है.

2. आलसी व्यक्ति

आलस्य तमोगुण का प्रतीक है, और यह मनुष्य को नीचे गिरा देता है. जो व्यक्ति परिश्रम से भागता है, उसे लक्ष्मी कभी पसंद नहीं करतीं. मेहनत करने वालों को ही मां लक्ष्मी अपना वरदान देती हैं.

3. नास्तिक व्यक्ति

जो व्यक्ति ईश्वर में विश्वास नहीं करता, जो धर्म और आध्यात्मिकता से विमुख रहता है, वह मां लक्ष्मी की कृपा से वंचित रहता है. आस्था, श्रद्धा और भक्ति से ही मनुष्य को आत्मिक और भौतिक सुख मिलते हैं.

4. अजितेन्द्रिय व्यक्ति

जिसने अपनी इंद्रियों पर नियंत्रण नहीं पाया, जो विषय वासनाओं का दास है, वह अपने जीवन में संतुलन नहीं बना सकता. गीता कहती है कि ऐसा व्यक्ति खुद को ही खो देता है, और ऐसे में लक्ष्मी भी उसके पास नहीं टिकती.

5. उत्साहहीन व्यक्ति

जीवन में उत्साह और ऊर्जा ही सफलता की कुंजी है. जो व्यक्ति निराश, हतोत्साहित और निष्क्रिय रहता है, वह किसी भी दिशा में आगे नहीं बढ़ सकता. ऐसे में मां लक्ष्मी का आशीर्वाद मिलना कठिन हो जाता है.


श्रीमद्भगवद्गीता केवल एक धार्मिक ग्रंथ नहीं, बल्कि एक जीवन दर्शन है. इसमें मां लक्ष्मी के स्थायी निवास के लिए जिन गुणों की बात कही गई है- जैसे कर्मठता, संयम, श्रद्धा, और आत्मनियंत्रण- वे सभी हमें जीवन में सफलता और समृद्धि की ओर ले जाते हैं. यदि आप भी चाहते हैं कि मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहे, तो इन पांच दोषों से दूर रहें और गीता के उपदेशों को जीवन में उतारें.

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Disclaimer: यह आर्टिकल सामान्य जानकारियों और मान्यताओं पर आधारित है. प्रभात खबर इसकी पुष्टि नहीं करता है.

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