गुड़ी पड़वा क्यों मनाया जाता है?
गुड़ी पड़वा के दिन से चैत्र नवरात्र शुरू हो जाती हैं. इस दिन को सभी लोग हर्षोल्लास से मानते हैं. इस दिन हर लोग पूरे विधि-विधान से पूजा करते है और भगवान से पूरे स्नेह के साथ मन्नत मांगते हैं. इस दिन सभी घरों में झंडा फहराया जाता है जो यह दिखाता है कि अब उनके घर में खुशी और सुख-समृद्धि आने वाली हैं.
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गुड़ी पड़वा के दिन क्या होता है?
गुड़ी पड़वा के दिन सभी लोग अपने घरों की साफ-सफाई करते हैं. गुड़ी पड़वा के दिन लोग अपने घर की छत पर एक गुड़ी सजे हुए बांस के डंडे पर लाल कपड़े में कलश स्थापित करते हैं. साथ ही गुड़ी पड़वा के अवसर में हर घर में नए-नए प्रकार से स्वाद से भरपूर पकवान बनते है जैसे कि पूरी और अन्य मीठे पकवान. इस दिन सभी लोग नए-नए कपड़े पहनकर इस त्योहार को बहुत ही धूमधाम से मनाते हैं.
गुड़ी पड़वा से जुड़ी मान्यताएं
गुड़ी पड़वा के साथ जुड़ी कई पौराणिक मान्यताएं हैं, जिनमें से एक यह भी है कि इस दिन भगवान श्रीराम ने लंका से वापस लौटकर अयोध्या में प्रवेश किया था. जिसके कारण इस दिन को विजय का प्रतीक माना जाता है.
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Disclaimer: यह आर्टिकल सामान्य जानकारियों और मान्यताओं पर आधारित है. प्रभात खबर इसकी पुष्टि नहीं करता है.