Health Tips: ये 5 बुरी आदतें बढ़ा रही हैं आपकी एंग्जाइटी लेवल, आज ही छोड़ने की खा लें कसम

Health Tips: आजकल लोगों की दिनचर्या काफी उलट-पलट वाली रहती है. इससे आपके स्वास्थ्य पर तो बुरा असर पड़ता ही है. इसके अलावा कुछ ऐसी आदते भी हैं, जो हमारे स्ट्रेस लेवल को बढ़ाती हैं. इससे कई तरह की शारीरीक और मानसिक समस्याएं उत्पन्न होती हैं. पढे़ं वे 5 बुरी आदतें…

By Aniket Kumar | March 21, 2025 8:40 PM
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Health Tips: आजकल के इंटरनेट के दौर में लोग काफी सीमित हो गए हैं. खाना, शॉपिंग, मनोरंजन और पढ़ाई सब ऑनलाइन उपलब्ध है. लोगों को न घर से बाहर जाना पड़ता है और न ही कोई फिजिकल एक्टिविटी करनी पड़ती है. ऐसे में आजकल लोगों को एंग्जाइटी (चिंता) की समस्या होने लगी है. फिजिकल एक्टिविटी कम होने और समाज से दूरी होने की वजह से स्ट्रेस लेवल बढ़ा है, जो आपके शरीर में कई बीमारियों को न्योता देता है. आज हम आपको बताएंगे कि आखिर वो कौन से ऐसे फैक्टर्स हैं, जो आपके एंग्जाइटी लेवल को और बढ़ा सकते हैं.

ये 5 फैक्टर बढ़ा सकता हैं आपके एंग्जाइटी लेवल-  

1. पर्याप्त नींद न लेना- नींद कम लेने से एंग्जाइटी (चिंता) और अधिक बढ़ सकती है. यदि आप पर्याप्त नींद नहीं लेते हैं तो आपके शरीर और मस्तिष्क को पूरी तरह रिलैक्स होने का मौका नहीं मिलता है. नींद कम लेने से शरीर में एनर्जी भी फील नहीं होती है और साथ ही इससे मानसिक स्वास्थ्य पर नेगेटिव असर भी पड़ता है.

2. शराब पीना – शराब पीने से एंग्जाइटी (चिंता) पर गहरा असर पड़ सकता है. इसकी समस्या और बढ़ सकती है. एल्कोहल लेने से शुरुआत में व्यक्ति को आराम और राहत का एहसास हो सकता है, एंग्जाइटी कुछ समय के लिए कम महसूस होती है.लेकिन, जैसे ही शरीर में शराब का असर कम होगा, एंग्जाइटी की स्थिति पहले से भी और बढ़ सकती है.

3. ताजी हवा न लेना – आजकल वर्क फ्रॉम होम का कल्चर बढ़ गया है, जिससे लोग घरों में कैद रहते हैं. बाहर की ताजी हवा उन्हें नहीं मिल पाती है. ऐसे में वे जल्दी थकते हैं और फिर इससे एंग्जाइटी भी बढ़ती है.

4. हरदम मोबाइल चेक करना – आजकल लोगों को बार-बार मोबाइल चेक करने की आदत है. अपने खाली समय में लोग या तो सोशल मीडिया पर समय बिता रहे होते हैं या फिर रील्स स्क्रॉल कर रहे होते हैं. यह आदत मानसिक थकावट, तनाव और चिंता का कारण बन सकती है, क्योंकि यह हमें शांति और संतुलन से दूर कर देती है.

5. एक ही जगह पर बैठे रहना – फिजिकल एक्टिविटी मस्तिष्क में अच्छे रसायनों (जैसे एंडोर्फिन और सेरोटोनिन) के लेवल को बढ़ाती है, जो मानसिक शांति और खुशी को बढ़ावा देते हैं. ऐसे में यदि हम लगातार एक ही जगह पर बैठे रहते हैं, तो दिमाग में इन केमिक्लस का प्रोडक्शन कम हो सकता है, जिससे चिंता और तनाव बढ़ सकते हैं.

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