How to Overcome Doubt: शक की आदत से कैसे बचें- Sadhguru ने बताया भरोसे का महत्व
How to Overcome Doubt: सद्गुरु कहते हैं कि अगर आप हर समय शक करते रहेंगे, तो जीवन में केवल छोटी चीजें ही हासिल कर पाएंगे. भरोसा करना जरूरी है.
By Pratishtha Pawar | May 20, 2025 11:48 AM
How to Overcome Doubt: शक करना इंसानी स्वभाव का हिस्सा है, लेकिन जब ये आदत बन जाए तो जीवन में नकारात्मकता भर जाती है. मशहूर योगी और आध्यात्मिक गुरु सद्गुरु का मानना है कि अगर आप हर समय शक में जीते हैं और सोचते हैं कि हर कोई आपके साथ चाल चल रहा है, तो आप जीवन में केवल छोटी-मोटी चीजें ही कर पाएंगे. उनके अनुसार, किसी भी रिश्ते या कार्य में भरोसा बेहद जरूरी है. आइए जानते हैं सद्गुरु के इस विचार का क्या मतलब है और शक की आदत से कैसे छुटकारा पाया जा सकता है.
Sadhguru Quote How to Overcome Doubt: सद्गुरु के विचार
“अगर आप शक में जीते हैं और हमेशा यही सोचते हैं कि हर कोई आपके साथ चाल चलने की कोशिश कर रहा है, तो आप जीवन में छोटी-मोटी ही चीजें कर पाएंगे. भरोसा बेहद जरूरी है.”
-सद्गुरु
शक क्यों पैदा होता है?
शक अक्सर असुरक्षा, आत्मविश्वास की कमी, पिछली नकारात्मक घटनाओं या गलतफहमियों से जन्म लेता है. यह एक ऐसा मानसिक जहर है जो ना केवल हमारे रिश्तों को खोखला करता है बल्कि हमारी सोच को भी सीमित कर देता है. जब इंसान हर चीज पर शक करने लगे, तो वह अपने ही बनाए जाल में फंसकर रह जाता है.
शक का असर जीवन पर
रिश्तों में दूरी और तनाव
आत्मविश्वास की कमी
मानसिक शांति का नाश
अवसरों को खो देना
नकारात्मक सोच का बढ़ना
Trust Issues Solutions: शक को कैसे दूर करें?
जब भी शक पैदा हो, खुद से सवाल करें कि क्या आपके पास इसके लिए ठोस कारण है या यह केवल एक कल्पना है. इस सोच के पीछे की भावना को पहचानें.
अक्सर संवाद की कमी से गलतफहमियां और शक पैदा होता है. अपने मन की बात उस व्यक्ति से साझा करें जिस पर शक हो रहा है.
सभी इंसान एक जैसे नहीं होते. जीवन में कुछ लोगों पर भरोसा करना सीखें. भरोसा एक जोखिम जरूर है, लेकिन बिना इसके कोई रिश्ता नहीं निभाया जा सकता.
हर समय बुरे की कल्पना करने की जगह अच्छे की संभावना पर ध्यान दें. इससे मन में शांति आती है और शक की आदत धीरे-धीरे कम होने लगती है.
ध्यान और योग का सहारा लें: सद्गुरु सहित कई आध्यात्मिक गुरु ध्यान को मानसिक शांति और स्पष्टता के लिए जरूरी मानते हैं. इससे मन संयमित रहता है और बेवजह के विचारों से दूरी बनती है.
सद्गुरु का यह संदेश एक महत्वपूर्ण जीवन सबक देता है. अगर हम हर समय शक करते रहें तो जीवन सीमित रह जाएगा. बड़ी चीजों को पाने के लिए भरोसा करना और नकारात्मक सोच से ऊपर उठना जरूरी है. शक को छोड़कर विश्वास की ओर बढ़ें, यही सुखद और सफल जीवन का मूलमंत्र है.