150 से ज्यादा पुरुषों से संबंध बनाए, अब चाहिए शांति, प्रेमानंद जी महाराज ने दिया जवाब

Premanand Ji Maharaj: हाल ही में वृंदावन में एक व्यक्ति प्रेमानंद जी महाराज के दर्शन के लिए पहुंचा. वह व्यक्ति भीतर से बेहद व्यथित और बोझिल मन लेकर आया था. जब उसने महाराज के समक्ष अपने जीवन का सच साझा किया, तो वहां उपस्थित सभी लोग स्तब्ध रह गए.

By Shashank Baranwal | April 18, 2025 8:30 AM
an image

Premanand Ji Maharaj: प्रेमानंद जी महाराज केवल संत नहीं, वे भक्तों के लिए एक दिव्य अनुभव हैं. उनकी उपस्थिति किसी भी पवित्र तीर्थ की तरह है, जहां पहुंचते ही हर विचार शांत हो जाता है और आत्मा एक गहरी शांति में डूब जाती है. उनका परिचय उनके शब्दों और कर्मों से मिलता है, जो सरलता, निश्छलता और गहरी आत्मिक समझ से भरपूर होते हैं. प्रेमानंद जी महाराज के प्रवचन और सत्संग सोशल मीडिया पर लाखों लोगों के दिलों में घर कर जाते हैं, और उनकी शिक्षाएं जीवन की जटिलताओं से बाहर निकलने की नई राह दिखाती हैं.

भक्त ने कहा कि मैं समलैंगिक हूं

हाल ही में वृंदावन में एक व्यक्ति प्रेमानंद जी महाराज के दर्शन के लिए पहुंचा. वह व्यक्ति भीतर से बेहद व्यथित और बोझिल मन लेकर आया था. जब उसने महाराज के समक्ष अपने जीवन का सच साझा किया, तो वहां उपस्थित सभी लोग स्तब्ध रह गए. उसने कहा कि वह अब तक 150 से अधिक पुरुषों के साथ संबंध बना चुका है और यह स्वीकार करते हुए उसकी आंखों में पछतावे का गहरा भाव था. उसने आगे कहा कि वह इस जीवन से बेहद दुखी है और अब इससे बाहर निकलकर एक शांत और पवित्र जीवन जीना चाहता है.

यह भी पढ़ें- बुरे को फल और अच्छे लोगों को दुःख क्यों? सुनिए प्रेमानंद जी का गूढ़ उत्तर

यह भी पढ़ें- इन 4 जगहों पर मोबाइल को बिल्कुल न छुएं, प्रेमानंद जी महाराज ने बताया

प्रेमानंद जी महाराज ने शांत स्वर में दिया जवाब

समलैंगिकता से जुड़ी अपनी पीड़ा साझा करने के बाद जब उस युवक ने प्रेमानंद जी महाराज से मार्गदर्शन मांगा, तो महाराज ने बहुत ही सहज, करुणा-पूर्ण और संतुलित ढंग से उसे समझाया. उन्होंने शांत स्वर में कहा कि यह तुम्हारी अपनी कोई उत्पत्ति नहीं है. यह तुम्हारी वास्तविक पसंद भी नहीं है, बल्कि यह एक मानसिक संस्कार है, जो समय और परिस्थितियों के प्रभाव से तुम्हारे भीतर घर कर गया है. उन्होंने आगे कहा कि अगर तुम इससे लड़कर इससे ऊपर नहीं उठते, तो यह तुम्हारे जीवन और छवि को प्रभावित करता रहेगा. इसके अलावा, प्रेमानंद जी महाराज ने यह भी कहा कि यह शरीर तुम्हें संसार से ऊपर उठने, स्वयं को जानने और आत्म-विजय के लिए मिला है- किसी एक संस्कार के आगे मिट जाने के लिए नहीं.

बन सकते हैं भगवत प्राप्त पुरुष

प्रेमानंद जी महाराज ने आगे कहा कि यह संस्कार सिर्फ आपके अंदर ही नहीं है बल्कि लाखों लोगों के अंदर है. ऐसे में यह सोचना जरूरी है कि इससे आपको क्या मिला? इस सवाल पर भक्त ने कहा कि सिर्फ डर और चिंता. प्रेमानंद जी महाराज ने कहा कि अगर आप पुरुषों से संबंध नहीं बनाते हैं और महिलाओं से आपको कोई लगाव नहीं है, तो आप एक भगवत प्राप्त पुरुष के समान बन सकते हैं.

यह भी पढ़ें- Premanand Ji Maharaj: मन की नकारात्मकता से छुटकारा पाएं, प्रेमानंद जी महाराज से जानिए सरल उपाय

Disclaimer: यह आर्टिकल सामान्य जानकारियों और मान्यताओं पर आधारित है. प्रभात खबर किसी भी तरह से इनकी पुष्टि नहीं करता है.

संबंधित खबर
संबंधित खबर और खबरें

Life and Style

होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version