International Missing Childrens Day 2025: लापता बच्चों को ढूंढने और उनकी सुरक्षा के लिए मनाया जाता है यह दिन अंतरराष्ट्रीय लापता बाल दिवस

International Missing Children’s Day 2025: हर साल 25 मई को इंटरनेशनल मिसिंग चिल्ड्रन डे मनाया जाता है. जानिए इस दिन का इतिहास, महत्व और बच्चों की सुरक्षा से जुड़ी अहम जानकारी.

By Pratishtha Pawar | May 25, 2025 5:05 AM
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International Missing Childrens Day 2025: हर साल 25 मई को ‘इंटरनेशनल मिसिंग चिल्ड्रन डे’ यानी ‘अंतरराष्ट्रीय लापता बाल दिवस’ के रूप में मनाया जाता है. यह दिन उन बच्चों को याद करने और ढूंढने की कोशिशों को तेज करने का प्रतीक है, जो अपने घरों से लापता हो गए हैं. यह दिन दुनियाभर में बच्चों की सुरक्षा, उनके अधिकारों और पुनः मिलाने की कोशिशों के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए समर्पित होता है.

Why is International Missing Childrens Day observed? यह दिन क्यों मनाया जाता है

इंटरनेशनल मिसिंग चिल्ड्रन डे का उद्देश्य समाज में लापता बच्चों की समस्याओं को सामने लाना और उनके लिए किए जा रहे प्रयासों को वैश्विक स्तर पर साझा करना है. साथ ही यह दिन उन बच्चों को सम्मान देने के लिए भी है, जो कभी वापस नहीं लौट सके. इस दिन को मनाने का एक और अहम उद्देश्य यह भी है कि अभिभावकों, कानून व्यवस्था और संस्थाओं के बीच समन्वय स्थापित हो ताकि ऐसे मामलों में त्वरित कार्रवाई संभव हो सके.

History of International Missing Children’s Day: यह दिन पहली बार कब मनाया गया?

इंटरनेशनल मिसिंग चिल्ड्रन डे को पहली बार 25 मई 1983 को अमेरिका में ‘नेशनल मिसिंग चिल्ड्रन डे’ के रूप में मनाया गया था. यह दिन छह वर्षीय बच्चे एटन पैट्स की याद में शुरू किया गया था, जो 1979 में न्यूयॉर्क से लापता हो गया था और फिर कभी नहीं मिला. इस घटना ने अमेरिकी समाज को झकझोर दिया और इसके बाद बच्चों की सुरक्षा को लेकर कई बड़े बदलाव हुए. वर्ष 2001 में इसे अंतरराष्ट्रीय स्वरूप दिया गया और तब से यह दुनिया भर के कई देशों में मनाया जाने लगा.

Importance of Missing Children’s Day Objective: इस दिन का महत्व और उद्देश्य

  • जागरूकता बढ़ाना: इस दिन के माध्यम से लोगों को यह समझाने की कोशिश की जाती है कि बच्चों का अचानक गायब हो जाना कितना गंभीर मामला है और इसके क्या-क्या कारण हो सकते हैं जैसे कि अपहरण, तस्करी, घरेलू हिंसा आदि.
  • संस्थागत सहयोग को बढ़ावा देना: पुलिस, सामाजिक संस्थाएं, स्कूल और समाज मिलकर इस दिन ऐसे बच्चों की तलाश, पुनर्वास और पुनर्मिलन की दिशा में काम करते हैं.
  • मानसिक समर्थन: जिन परिवारों के बच्चे अब तक नहीं मिल सके हैं, उनके प्रति सहानुभूति प्रकट कर उन्हें यह विश्वास दिलाना कि वे अकेले नहीं हैं.
  • बचाव के उपायों पर ध्यान: इस दिन के बहाने लोगों को यह भी बताया जाता है कि बच्चों को लापता होने से कैसे रोका जा सकता है, किस तरह के सुरक्षात्मक उपाय अपनाने चाहिए.

इंटरनेशनल मिसिंग चिल्ड्रन डे न केवल एक संवेदनशील विषय को वैश्विक मंच पर लाता है, बल्कि यह सभी के लिए एक जिम्मेदारी का एहसास भी कराता है. बच्चों की सुरक्षा केवल उनके माता-पिता की जिम्मेदारी नहीं बल्कि पूरे समाज की जिम्मेदारी है. यह दिन हमें यह याद दिलाता है कि हर बच्चा सुरक्षित बचपन का हकदार है और हमें मिलकर इसके लिए प्रयास करते रहना चाहिए.

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