Karma Puja 2024: जानें कुवारी लड़कियां क्यों रखती है करमा का व्रत और क्या है इस पर्व से जुड़े रिवाज
Karma Puja 2024: करमा पर्व आदिवासी समुदाय में मनाया जाने वाला महत्वपूर्ण पर्व है. इस लेख में आपको यह बताया जा रहा है कि आखिर कुवारी लड़कियां करमा का व्रत क्यों रखती और इस व्रत से जुड़े क्या रिवाज हैं.
By Tanvi | September 11, 2024 12:25 PM
Karma Puja 2024: करमा आदिवासी मूल का सबसे महत्वपूर्ण पर्व है, यह इसलिए भी बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि इसे प्रकृति का महापर्व माना जाता है और आदिवासी समुदाय का प्रकृति से जुड़ाव बहुत गहरा और बहुत पुराना है. इस त्योहार को भारत के कई राज्यों जैसे- झारखंड, उड़ीसा और छत्तीसगढ़ में मुख्य रूप से मनाया जाता है. इस साल भी यह त्योहार 14 सितंबर को मनाया जाने वाला है. इस दिन कुवारी लड़कियां व्रत करती हैं. इस लेख में आपको यह बताया जा रहा है कि आखिर कुवारी लड़कियां करमा का व्रत क्यों रखती और इस व्रत से जुड़े और क्या रिवाज हैं.
क्यों करती हैं कुवारी लड़कियां करमा का व्रत?
करमा को लेकर कई लोक श्रुतियां और कई लोक कथाएं भी प्रचलित हैं, जिनके माध्यम से यह पता चलता है कि करमा का व्रत कुवारी लड़कियां अपने भाई की लंबी आयु के लिए करती हैं. यह व्रत भादो माह की एकादशी को किया जाता है और इसमें करम के वृक्ष की पूजा की जाती है. करम के वृक्ष की पूजा कर लड़कियां यह कामना करती हैं कि उनके भाई की आयु भी करम के वृक्ष की आयु की तरह अधिक हो और उनके परिवार के सभी सदस्य खुशहाली से अपना जीवन व्यतीत करें.
क्या है करमा पर्व से जुड़े रिवाज?
भाई की लंबी आयु के लिए किया जाने वाला करमा का त्योहार, आदिवासी मूल के लोगों के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है, इस दिन को लोग नई शुरुआत के रूप में देखते हैं और हर शुभ काम की शुरुआत इसी त्योहार से करते हैं. इस दिन महिलायें और लड़कियां 9 तरह के अनाज को एक कटोरी में संग्रहित करके अपने इलाके में सम्मिलित रूप से पूरे विधि-विधान के साथ इस पूजा को सम्पन्न करती हैं. पूजा करने के बाद सभी लोग एक साथ मिलकर करमा पर्व की खुशी मनाते हैं और नाच-गान के जरिए अपनी खुशी को जाहिर भी करते हैं. करमा के दूसरे दिन लोग घरती की पूजा करते हैं और अच्छी फसल के साथ समाज और परिवार में खुशहाली बनी रहे, इसके लिए प्रार्थना भी करते हैं.