Deepdan on Kartik Purnima: कार्तिक पूर्णिमा पर दीपदान करने के जानें लाभ
Deepdan on Kartik Purnima:कार्तिक पूर्णिमा पर दीपदान करने से देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है और परिवार में सुख-समृद्धि बढ़ती है. जानें इस पर्व के लाभ और धार्मिक महत्व
By Pratishtha Pawar | November 8, 2024 7:40 PM
Deepdan on Kartik Purnima: कार्तिक पूर्णिमा (Kartik Purnima) हिंदू धर्म में एक पवित्र पर्व माना जाता है. इस दिन का धार्मिक महत्व अत्यधिक है और इसे दीपदान का पर्व भी कहा जाता है. मान्यता है कि इस दिन दीपदान करने से विशेष लाभ प्राप्त होते हैं. कार्तिक पूर्णिमा पर दीप जलाने का धार्मिक, आध्यात्मिक और वैज्ञानिक लाभ भी बताया गया है. इस लेख में जानिए कि इस दिन दीपदान क्यों किया जाता है और इसके पीछे कौन-सी मान्यताएँ जुड़ी हैं.
Kartik Purnima Significance: कार्तिक पूर्णिमा का महत्व
कार्तिक माह को हिंदू पंचांग के अनुसार सबसे पवित्र महीनों में से एक माना गया है. इस महीने के दौरान भगवान विष्णु और भगवान शिव की विशेष पूजा की जाती है. कार्तिक पूर्णिमा के दिन स्नान और पूजा का विशेष महत्व होता है, और इसे त्रिपुरी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है. यह दिन भगवान शिव द्वारा त्रिपुरासुर नामक राक्षस का वध करने की स्मृति में मनाया जाता है, जिससे देवताओं ने इस दिन को उत्सव के रूप में मनाया था.
Significance of Deepdan: दीपदान का महत्व
कार्तिक पूर्णिमा पर दीपदान का विशेष महत्व होता है. मान्यता है कि इस दिन गंगा, यमुना, नर्मदा आदि पवित्र नदियों में स्नान कर दीप जलाने से मोक्ष की प्राप्ति होती है और पापों से मुक्ति मिलती है. यह भी कहा जाता है कि इस दिन दीपदान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है और जीवन में सुख-शांति आती है.
Benefits of Deepdan: दीपदान के लाभ
1. आध्यात्मिक शुद्धि: दीपदान करने से आत्मा की शुद्धि होती है और मन को शांति मिलती है. इस दिन किए गए दीपदान से मन की नकारात्मकता दूर होती है.
2. धन और समृद्धि की प्राप्ति: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, कार्तिक पूर्णिमा पर दीपदान करने से देवी लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और घर में धन-धान्य की वृद्धि होती है. इससे व्यक्ति के जीवन में समृद्धि आती है.
3. स्वास्थ्य लाभ: इस दिन दीपदान से वातावरण शुद्ध होता है और इससे स्वास्थ्य लाभ भी मिलते हैं. घी या तिल के तेल से दीप जलाने से वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है.
4. पारिवारिक सुख-शांति: परिवार के सदस्यों द्वारा दीपदान करने से पारिवारिक जीवन में खुशियाँ और शांति आती है. यह परिवार के सदस्यों के बीच आपसी सामंजस्य को भी बढ़ाता है.
कार्तिक पूर्णिमा पर दीपदान करने के लिए सुबह गंगा, यमुना या अन्य किसी पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए. यदि नदी तक पहुंचना संभव नहीं हो तो घर में गंगाजल मिलाकर स्नान कर सकते हैं. इसके बाद तुलसी के पौधे के नीचे, मंदिर या घर के आंगन में दीप जलाकर भगवान को अर्पित करें. एक दीया जलाकर भगवान शिव और विष्णु को समर्पित करना भी शुभ माना जाता है.
दीपदान के दौरान ध्यान रखने योग्य बातें
– दीपदान के लिए तिल का तेल, घी या सरसों के तेल का प्रयोग करें.
– एक बार दीप जलाने के बाद उसे बुझाने की कोशिश न करें.
– दीप को तुलसी, पीपल या किसी पवित्र वृक्ष के नीचे रखें.
कार्तिक पूर्णिमा पर दीपदान का धार्मिक, आध्यात्मिक और स्वास्थ्य से जुड़े कई लाभ हैं. इस दिन किए गए दीपदान से जीवन में सकारात्मकता और सुख-शांति आती है. यह दिन हमें धर्म और परंपरा से जुड़ने का एक सुंदर अवसर प्रदान करता है.