Christmas 2023: क्रिसमस पर क्यों दिया जाता है गिफ्ट, जानें इस त्योहार से जुड़ी अनोखी परंपराएं

क्रिसमस को लेकर पूरे देश में तैयारियां जोरों शोरो पर हैं. हर साल दिसम्बर की 25 तारीख को यह त्यौहार मनाया जाता है. इस त्यौहार को पूरा देश गर्मजोशी और उत्साह के साथ मनाता है. यह क्रिश्चियन का त्यौहार है जो यीशु मशीह के जन्म की याद में मनाया जाता है.

By Shradha Chhetry | December 20, 2023 2:58 PM
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दिसंबर आने के साथ ही क्रिसमस का उल्लास चारों तरफ छा जाता है. चारों तरफ क्रिसमस त्यौहार की तैयारियां शुरु हो गई है. बाजार में अलग-अलग तरह के सजावट के सामान बिक रहे हैं. क्रिसमस एक प्रमुख ईसाई त्यौहार होने के बावजूद पूरे देश में हर धर्म द्वारा धूमधाम से मनाया जाता है. इस दिन लोग अपने परिवार और प्रियजनों के साथ मिलकर अपने रिश्तेदारों से मिलकर एक दूसरे को उपहार प्रदान करते हैं और मेरी क्रिसमस बोल कर बधाई देते हैं. इस दिन लोग अपने परिवार जनों और रिश्तेदारों को उपहार भी देते हैं. आज हम जानेंगे कि आखिर क्रिसमस मनाने की शुरूआत कब और कहां से हुई. अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग तरीकों से इसे मनाया जाता है.

क्रिसमस के पहले से ईसाई समुदाय के लोग चर्च में जाकर केरोल्स गाते हैं और प्रार्थना करते हैं. इन दिनों के बीच चर्च में ईशा मसीह की जन्मगाथा भी दिखाई जाती है. इन्हें झांकियों के माध्यम से जन्मगाथा दिखाई जाती है. 24-25 दिसंबर की रात प्रार्थना कर धार्मिक गीत गाए जाते हैं. इसके बाद 25 दिसंबर को क्रिसमस ट्री को सजाकर चर्च में रखा जाता है और लोगों के बीच चॉकलेट, केक और मिठाई बांटकर खुशियां मनाई जाती है.

क्रिसमस शब्द की उत्पति क्राईस्ट मार्स से हुई है. पहली बार इसे रोमन शासन काल के दौरान मनाया गया है. इसे पहली बार 366 में मनाया गया. इसके कुछ सालों बाद ही पोप जुलियल ने आधिकारिक तौर पर जीसस क्राइस्ट का जन्मदिवस 25 दिसंबर को मनाने का एलान किया.

क्रिसमस की धूम पूरे देश में रहती है. सजावट की दुकानें एक हफ्ते पहले से लगनी शुरु हो जाती है. लोग एक दूसरे के घर जाकर मीठा खाकर पार्टी करते हैं तथा कई जगहों पर क्रिसमस ईव भी मनाया जाता है.

संता क्लॉज नाम संत निकोलस से प्रभावित होकर रखा गया है. संत निकोलस कई दशक पहले एक बहुत अच्छे और दयालु व्यक्ति थे. बच्चों के प्रति अधिक दयालु होने के लिए उन्हें जाना जाता था. पुरानी कहानी के अनुसार संता ने तीन गरीब बहनों की मदद उनके झोले में सोना डालकर की थी. यहीं से सांता द्वारा उपहार से भरे झोले लटकाने की प्रथा शुरु हुई.

क्रिसमस के दिन मीठा खाने और रिश्तेदारों और बच्चों के बीच मीठा बांटने का रिवाज है. लोग इस दिन घरों में बने क्रिसमस स्पेशल केक्स और चॉकलेट बांटते हैं और खुशियां मनाते हैं.

दुनिया के कई देशों में क्रिसमस अलग-अलग तरीके से मनाया जाता है. जापान में केएफसी क्रिसमस पर्व मनाया जाता है. यूक्रेन में क्रिसमस के अवसर पर मकड़ी के जाल की सजावट की जाती है. वेनेजुएला में रोलर कोस्टिंग कर लोग क्रिसमस मनाते हैं.

ग्रीनलैंड और ऑस्ट्रेलिया में भी अलग तरीके से क्रिसमस मनाए जाते हैं. ग्रीनलैंड में क्रिसमस कयाकिंग और ऑस्ट्रेलिया में समुद्री तट पर जाकर लोग क्रिसमस के दिन को सेलिब्रेट करते हैं.

जीसस क्राइस्ट के जन्म के बाद लोग बधाई देने आते हैं. जन्म की खुशियां मनाने के लिए घर की सजावट की जाती है. इस खुशी के दिन को याद करते हुए लोग क्रिसमस के दिन सदाबहार फर के पेड़ को सजाते हैं. क्रिसमस ट्री को सजाने की परंपरा सबसे पहले जर्मनी में दसवीं शताब्दी में हुई थी.

क्रिसमस का त्यौहार लोगों की खुशियों का प्रतीक होता है. इस दिन लोग मिठाई और चॉकलेट बांटकर खुशियां मनाते हैं. लोग अपने घरों और मोहल्लों में क्रिसमस का पेड़ लगाकर सजावट करते हैं. बच्चों के बीच मिठाई और चॉक्लेट्स बांटी जाती है.

रिपोर्ट : नेहा सिंह

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