Mahashivratri 2024: महाशिवरात्रि का दिन हिंदुओं के लिए बेहद ही पवित्र माना जाता है. इस दिन सारे भक्त बड़े ही श्रद्धा और आस्था के साथ शिव जी की पूजा करने मंदिर जाते है. देश के हर हिस्से में यह त्योहार हिन्दुओं द्वारा बहुत धूमधाम से मनाया जाता है. हिन्दू कैलेंडर के हिसाब से यह त्योहार फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है. महाशिवरात्रि के दिन भक्त शिव जी की पूजा करने का साथ-साथ एक दिन का उपवास भी रखते है. ऐसा कहा जाता है कि इस दिन उपवास रखना पूरे साल शिव जी की पूजा करने के बराबर है, और इस दिन के उपवास से हमें हमारे पुराने पापों से मुक्ति और मोक्ष प्राप्त करने में मदद मिलती है. अगर आप भी इस महाशिवरात्रि में उपवास रख कर भोलेनाथ की पूजा करना चाहते है तो इन सारे चीजों का ध्यान रखें. महाशिवरात्रि का व्रत- उपवास हमारे शरीर और मन को शुद्ध करने में मदद करता है और साथ ही हमारे सतर्कता के स्तर को भी बढ़ाता है. हर व्यक्ति अपने इच्छा के अनुसार उपवास रखते है, जहां कुछ भक्त निर्जला उपवास करते है, वही कुछ भक्त पूरे दिन फलाहार करके भगवान शिव की पूजा करते हैं. कहा जाता है कि महाशिवरात्रि के उपवास की शुरूआत उसके एक दिन पहले से ही हो जाती है, भक्त पूरे दिन शुद्ध सात्विक आहार लेते है, और उसके दूसरे दिन निर्जला व्रत और सारे नियमों का पालन करते हैं. कुछ भक्त व्रत के अनुसार आहार लेते है जैसे साबूदाना, कद्दू, आलू, केला, दही, बाजरा, आदि और भगवान शिव की पूजा करते हैं. इस दिन भक्तों को चावल, गेहूं, नमक और भी कुछ खाद्य पदार्थों के सेवन से बचना चाहिए. भोलेनाथ को क्या चढ़ाये- मान्यता है कि भोलेनाथ को बेलपत्र बेहद पसंद है, और इसी कारण भक्त उन्हें प्रसन्न करने के लिए बेलपत्र चढ़ाते है. इसके अलावा भक्त अपनी सुख-शांति का आशीर्वाद पाने के लिए दूध, चंदन, धतूरा का फल, कच्चा चावल, दूध से बनी मिठाई भी चढ़ाते है. उपवास के नियम- व्रत के लिए शरीर और दिमाग को तैयार करने के लिए महाशिवरात्रि के एक दिन पहले ही भक्तों को एक समय का भोजन करना चाहिए. महाशिवरात्रि के दिन सुबह उठकर जल्दी नहाना, और सभी नियमों का पालन करते हुए पूरे दिन उपवास करने का संकल्प लेना चाहिए. पूजा करने से पहले शिवलिंग को जल, दूध, केसर, और गंगाजल से नहलाए. रात में पूजा होने के कारण महाशिवरात्रि के रात का समय बहुत महत्त्वपूर्ण होता है, और शिव जी की पूजा करने से पहले भक्तों को दोबारा नहाना चाहिए. पूजा के बाद भक्त को उपवास जारी रखना चाहिए और अगले दिन चतुर्दशी खत्म होने से पहले भक्तों को नहाकर अपना उपवास तोड़ना चाहिए.महाशिवरात्रि में क्या ना करें- ऐसा माना जाता है कि जो भी भगवान शिव पर चढ़ाया गया गया हो भक्तों को उसका सेवन नहीं करना चाहिए, यह दुर्भाग्य लाता है. भगवान शिव जी द्वारा श्रापित फूलों को ना चढ़ाए जैसे केवड़ा और चंपा.व्रत के दौरान इन बातों का भी रखें ध्यान- प्रोबायोटिक्स का सेवन जरूर करें क्योंकि यह आपके पेट को स्वस्थ रखने में मदद करता है, जैसे दही. पूजा के दौरान भक्तों को कुमकुम के तिलक से बचना चाहिए और चंदन के लेप का प्रयोग करना चाहिए. ऊर्जा के स्तर को बनाए रखने के लिए ड्राई फ्रूट्स का सेवन करना चाहिए.
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