Mahashivratri 2024: महाशिवरात्रि से जुड़ी कुछ रोचक बातें, जो शायद ही आप ने कभी सुनी होगी
Mahashivratri 2024: महाशिवरात्रि हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है, ऐसे में जानें इस खास दिन से जुड़ी कुछ रोचक बातें.
By Pushpanjali | March 12, 2024 1:02 PM
Mahashivratri 2024: महाशिवरात्रि हमारे देश के मुख्य पर्वों में से एक है. साल का यह समय हिंदूओं के लिए बेहद पावन होता है, लोग बड़े ही श्रद्धा भावना के साथ इस दिन का इंतजार करते है. भक्तों द्वारा यह पर्व देश भर में बेहद धूम-धाम से मनाया जाता है, पर नेपाल जैसे देश में भी भक्त उतने ही उत्साहित होते है. इस दिन शिव जी की पूजा के साथ-साथ भक्त उपवास भी रखते है. भारत में महाशिवरात्रि को लेकर कई कहानियां है पर उनमें से एक यह है कि महाशिवरात्रि का दिन भगवान शिव और माता पार्वती के शादी के रूप में मनाया जाता है. इस दिन भारत के कई जगहों पर रुद्र अभिषेक पूजा भी की जाती है जिसमें भक्त दूध, शहद, गंगाजल और दही के साथ शिव लिंग को नहलाते है, और उनकी पूजा करते हैं. ऐसे में आइए जानते है महाशिवरात्रि से जुड़े कुछ रोचक बातें.
मान्यता यह है कि समुद्र मंथन के दौरान निकले विष से देवी-देवताओं को बचाने के लिए शिव जी ने विष पिया जिसकी वजह से उनका गला नीला पड़ गया था, और उन्हें नीलकंठ के नाम से बुलाया जाने लगा. इसीलिए, महाशिवरात्रि के दिन शिव जी पर नीलकंठ का फूल चढ़ाया जाता है.
शिव विवाह उत्सव
इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था, और इसीलिए हर साल महाशिवरात्रि उनके विवाह के वार्षिक दिवस के रूप में मनाया जाता है. देश के कई जगहों में भक्त शिव-पार्वती के रूप में सजते हैं और पूरे नियमों के साथ उनका विवाह होता है.
स्त्रियों की भक्ति
महिला भक्त शिव जी जैसा प्यार करने वाले पति पाने के लिए, उनकी पूजा करती हैं. पुराने कथाओं के अनुसार, माता सती की मृत्यु के बाद भगवान शिव ने कई सालों तक माता पार्वती का इंतजार किया था, और माता पार्वती से 108 साल बाद शादी की थी.
शिव बारात
महाशिवरात्रि पर शिव जी की पालकी निकलती है और कई जगह भक्त उनके बारात का भी आयोजन करते है. पूरे दिन भक्त फलाहार करते है और अगले दिन पूजा करके उपवास तोड़ते है.
महाशिव जागरण
महाशिवरात्रि पर भक्त रात भर जागकर भजन और कथा का आयोजन करते हैं. ऐसा कहा जाता है कि शिव जी अपने भक्तों द्वारा चढ़ाए गए प्रसाद को स्वीकार करने के लिए और उन्हें आशीर्वाद देने के लिए धरती पर आते हैं. इसलिए, भक्त पूरी रात जाग कर सांस्कृतिक कार्यक्रम भी करते हैं.