लंबे समय तक एक ही सैनेटरी प्रोडक्ट का इस्तेमाल करना
पीरियड्स (Periods) के वक्त कई महिलाएं दिनभर एक ही पैड का इस्तेमाल करती रहती हैं, जो हाइजीन के लिहाज से खतरनाक है. यह आदत न केवल बदबू और चुभन की वजह बनती है, बल्कि यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTI) और स्किन रैशेज का कारण भी बन सकती है. विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि हर 4 से 6 घंटे में सैनेटरी बदल लेना चाहिए, चाहे ब्लीडिंग हल्की ही क्यों न हो.
पीरियड्स के दौरान महिलाएं पीती हैं कम पानी
पीरियड्स के दौरान शरीर डिहाइड्रेट हो जाता है, जिससे थकान और सिरदर्द जैसी समस्याएं हो सकती हैं. लेकिन महिलाएं अक्सर दर्द और सुस्ती की वजह से पानी पीना कम कर देती हैं. पानी की कमी से ब्लोटिंग और कब्ज भी बढ़ सकता है. इस दौरान पर्याप्त मात्रा में पानी और लिक्विड डाइट लेना बहुत जरूरी है.
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बहुत ज्यादा या बहुत कम एक्सरसाइज करना
पीरियड्स में कुछ महिलाएं पूरी तरह बेड रेस्ट पर रहती हैं, जबकि कुछ महिलाएं पेन को नजरअंदाज कर हैवी वर्कआउट करने लगती हैं. ये दोनों ही चीजें खतरनाक है. हल्की-फुल्की स्ट्रेचिंग या वॉक करना फायदेमंद होता है, लेकिन शरीर की क्षमता से ज्यादा मेहनत करने पर पेन और ब्लीडिंग बढ़ सकती है.
जंक फूड का ज्यादा सेवन करना
पीरियड्स के दौरान कई लोग क्रेविंग की वजह से चिप्स, चॉकलेट और तला-भुना खाने लगती हैं. लेकिन ऐसा करना फूड ब्लोटिंग, गैस और ऐंठन को बढ़ा देता है. बेहतर होगा कि आप बैलेंस्ड डाइट लें, जिसमें फल, सब्जियां और फाइबर रिच फूड शामिल हों.
मानसिक स्वास्थ्य को नजरअंदाज करना
पीरियड्स के दौरान हार्मोनल बदलाव की वजह से महिलाओं में मूड स्विंग्स, चिड़चिड़ापन और एंग्जायटी होना सामान्य है. लेकिन कई महिलाएं इस मानसिक स्थिति को गंभीरता से नहीं लेती हैं और खुद को अकेला महसूस करने लगती हैं. परिवार और दोस्तों से बात करना या किसी एक्टिविटी में खुद को व्यस्त रखना इस समय उन्हें मानसिक रूप से मजबूत बनाता है.
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