पालक का सेवन डॉक्टर के निर्देशानुसार ही करें
पालक आयरन और फाइबर से भरपूर होता है, लेकिन इसमें ऑक्जलेट्स की मात्रा अधिक होती है, जो किडनी स्टोन और ब्लड प्रेशर को प्रभावित कर सकते हैं. साथ ही, पालक में सोडियम भी थोड़ा अधिक होता है, यदि हाई बीपी वाला मरीज इनका सेवन बगैर डॉक्टर की सलाह से या ज्यादा खा लें तो हाई बीपी वालों के लिए टेंशन की बात है.
मेथी के साग से हाइपोग्लाइसीमिया का खतरा
हालांकि मेथी डायबिटीज कंट्रोल में मददगार मानी जाती है, लेकिन अधिक मात्रा में सेवन करने पर यह ब्लड शुगर को बहुत तेजी से गिरा सकती है, जिससे हाइपोग्लाइसीमिया का खतरा बढ़ सकता है.
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डायबिटिक या हाई बीपी मरीजों की स्थिति को बिगाड़ सकती है चौलाई साग
चौलाई साग में विटामिन ए, सी और आयरन होते हैं, लेकिन मानसून में यह जल्दी संक्रमित हो सकती है. यदि अच्छे से न धोया जाए तो यह फूड पॉइजनिंग और इंफेक्शन का कारण बन सकती है, जिससे डायबिटिक या हाई बीपी मरीजों की स्थिति और बिगड़ सकती है.
इन बातों का रखें विशेष ध्यान
- साग हमेशा ताजा और अच्छी तरह धोकर ही खाएं. क्योंकि बारिश के मौसम में कीड़े और फंगस का खतरा बढ़ जाता है.
- बाजार के खुले साग से परहेज करें. घर में उगाया गया या पैक्ड बेहतर विकल्प हो सकता है.
- अत्याधिक मात्रा में न खाएं. डायबिटिक मरीजों को पोर्शन कंट्रोल बहुत जरूरी है.
- साग बनाते समय ज्यादा तेल, नमक या मसालों का इस्तेमाल न करें. हाई बीपी के मरीजों को खास तौर पर विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है.
- अगर ब्लड शुगर या बीपी बार-बार ऊपर-नीचे हो रहा है, तो डॉक्टर की सलाह से ही डाइट लें.
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Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.