Neem Karoli Baba: सुबह की ये 3 आदतें बनाएंगी आपको सफल

Neem Karoli Baba: नीम करोली बाबा की उपस्थिति में जो दिव्यता और शांति महसूस होती थी, वह आज भी कैंची धाम में बनी हुई है. उन्होंने सभी को सिखाया कि सच्चा अध्यात्म प्रेम, श्रद्धा और सेवा में ही बसता है. उनकी सीख को अमल में लाने से जीवन खुशहाल हो जाता है. आपके सारे बिगड़े काम ठीक होने लगते हैं.

By Shashank Baranwal | April 25, 2025 9:41 AM
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Neem Karoli Baba: नीम करोली बाबा एक ऐसे संत थे जिनकी महिमा केवल उनकी उपस्थिति से नहीं, बल्कि उनके प्रेम और करुणा से महसूस की जाती थी. वे जीवनभर भक्ति, सेवा और सच्चे प्रेम के पथ पर चलते रहे। उनका हर कार्य ईश्वर की ओर ले जाने वाला था. हनुमान जी के प्रति उनका प्रेम इतना गहरा था कि उनके भक्त उन्हें हनुमान जी का ही सजीव रूप मानते थे. बाबा की उपस्थिति में जो दिव्यता और शांति महसूस होती थी, वह आज भी कैंची धाम में बनी हुई है. उन्होंने सभी को सिखाया कि सच्चा अध्यात्म प्रेम, श्रद्धा और सेवा में ही बसता है. उनकी सीख को अमल में लाने से जीवन खुशहाल हो जाता है. आपके सारे बिगड़े काम ठीक होने लगते हैं. नीम करोली बाबा जीवन में सफल होने के कुछ मूलमंत्र के बारे में बताते हैं. आइए सफलता के इस मूलमंत्र के बारे में जानते हैं.

आत्मिक और शारीरिक रूप से लाभ

नीम करोली बाबा मानते थे कि ब्रह्म मुहूर्त में जागना आत्मिक और शारीरिक रूप से अत्यंत लाभकारी होता है. यह समय ईश्वर से जुड़ने का श्रेष्ठ अवसर होता है, जब वातावरण शुद्ध और शांत होता है. बाबा के अनुसार, जो व्यक्ति इस समय जागता है, उस पर दैवीय कृपा बनी रहती है. यह मुहूर्त प्रार्थना, ध्यान और साधना के लिए आदर्श माना गया है. ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4 बजे से 5:30 बजे तक होता है.

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सुख, समृद्धि और सफलता के लिए जरूरी

मान्यताओं के अनुसार, सुबह उठते ही व्यक्ति को अपनी हथेलियों के अग्रभाग का दर्शन करना चाहिए, क्योंकि उसमें देवी लक्ष्मी, सरस्वती और गोविंद का वास होता है. यह शुभ संस्कार दिन की सकारात्मक शुरुआत का प्रतीक है. इसके बाद स्नान करके इष्ट देव की पूजा और दीपक प्रज्वलित करना जीवन में सुख, समृद्धि और सफलता को आकर्षित करता है.

मन को शांत रखने के लिए जरूरी

नीम करोली बाबा के अनुसार, व्यक्ति को मौन रहना सीखना चाहिए, क्योंकि मौन से मन शांत होता है और भीतर सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. जब हम व्यर्थ बोलने या नकारात्मक सोच में ऊर्जा नहीं गवांते, तो वही ऊर्जा हमारे कार्यों में लगती है, जिससे सफलता मिलती है. मौन आत्मसंयम और आंतरिक शक्ति का प्रतीक है.

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Disclaimer: यह आर्टिकल सामान्य जानकारियों और मान्यताओं पर आधारित है. प्रभात खबर इसकी पुष्टि नहीं करता है.

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