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जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा है दुख
नीम करोली बाबा कहते थे कि जीवन में दुख जिंदगी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है. दुख आने पर ही व्यक्ति को अपनी कमजोरियों और सीमाओं का ज्ञान होता है. यह व्यक्ति को जीवन की सच्चाई से परिचित कराने का काम करता है. ऐसे में दुख आने पर परेशान न होकर खुद को समझने की जरूरत होती है, क्योंकि दुख आने से इंसान दिल से मजबूत होता है. यह हमें ईश्वर के करीब ले आता है.
बीमारी सिखाई है बहुत कुछ
नीम करोली बाबा के अनुसार, बीमारी व्यक्ति को बहुत कुछ सिखाती है. जब तक इंसान बीमार नहीं होता है तब तक वह हर चीज को हल्के में लेता है. व्यक्ति जब बीमार हो जाता है, तो समझता है कि शरीर बहुत नाजुक और अस्थायी होता है. ऐसे में व्यक्ति को स्वस्थ जीवनशैली और अच्छी आदतों को अपनाना चाहिए.
जीवन का ध्रुव सत्य है यह बात
नीम करोली बाबा के मुताबिक, मृत्यु जीवन का एक ध्रुव सत्य है. जो इंसान इस धरती पर जन्म लिया है उसकी मृत्यु निश्चित है. ऐसे में जीवन को यूं व्यर्थ नहीं गंवाना चाहिए. व्यक्ति को हर समय का आनंद लेना चाहिए.
सहनशक्ति को आजमाता है दर्द
नीम करोली बाबा का कहना था कि मानसिक या शारीरिक चाहे, जो भी दर्द हो, व्यक्ति की सहनशक्ति को आजमाता है. यह व्यक्ति की धैर्य की परीक्षा लेता है. दर्द हमें बताता है कि जीवन में कुछ भी स्थायी नहीं होता है. ऐसे में व्यक्ति को दर्द का अनुभव करना चाहिए, यह दर्द को समझने में मदद करता है.
ऐसे में नीम करोली बाबा की ये चारों बातें व्यक्ति की घोर निराशा में आशा की किरण बनती है. वह कहते थे कि ये दुख, दर्द, बीमारी और मृत्यु जीवन के सबसे बड़े गुरु हैं. ये सब व्यक्ति को मजबूत बनाने का काम करते हैं.
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