कंबल नहीं, नीम करोली बाबा का साक्षात आशीर्वाद, घर में ऐसे करें प्रयोग

Neem Karoli Baba: कैंची धाम में कई तरह के प्रसाद मिलते हैं, जिनमें प्रेम से चढ़ाए गए कंबल भी शामिल हैं. ये कंबल पंडित जी द्वारा सुरक्षित रख लिया जाता है, जो कि सिर्फ सौभाग्यशाली लोगों को ही मिल पाता है. बाबा का यह प्रसाद सुख-समृद्धि का प्रतीक माना जाता है.

By Shashank Baranwal | April 22, 2025 9:33 AM
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Neem Karoli Baba: नीम करोली बाबा एक ऐसे अद्भुत संत थे, जिनका अस्तित्व केवल शरीर तक सीमित नहीं था, बल्कि वे हजारों-लाखों लोगों के हृदय में बसे एक जीवित चमत्कार थे. उन्होंने जीवन को भक्ति, प्रेम और सेवा के माध्यम से जिया और हर किसी को ईश्वर से जुड़ने की प्रेरणा दी. हनुमान जी के प्रति उनका प्रेम और समर्पण इतना गहरा था कि भक्तों ने उन्हें स्वयं हनुमान का जीवंत रूप मान लिया. उनकी उपस्थिति में लोग जो शांति, श्रद्धा और ऊर्जा का अनुभव करते थे, वो आज भी उनके कैंची धाम आश्रम में महसूस की जा सकती है. कैंची धाम में कई तरह के प्रसाद मिलते हैं, जिनमें प्रेम से चढ़ाए गए कंबल भी शामिल हैं. ये कंबल पंडित जी द्वारा सुरक्षित रख लिया जाता है, जो कि सिर्फ सौभाग्यशाली लोगों को ही मिल पाता है. बाबा का यह प्रसाद सुख-समृद्धि का प्रतीक माना जाता है. धार्मिक मान्यता है कि जिन लोगों को बाबा का यह प्रसाद मिल जाता है, तो उस पर बाबा की खास कृपा बरसती है. ऐसे में अगर आपको भी बाबा का यह प्रसाद मिलता है, तो उसे घर में इस तरह प्रयोग में लाना चाहिए.

पूज्य स्थान पर रखें

नीम करोली बाबा को अर्पित कंबल को उनका आशीर्वाद माना जाता है. इसे घर लाकर पूज्य स्थान पर रखें, प्रतिदिन दीपक जलाएं. अगर इसे बाबा का स्वरूप मानें, तो विश्वास किया जाता है कि बाबा सदा आपके साथ रहते हैं.

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नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने में सहयोगी

कुछ श्रद्धालु नीम करोली बाबा धाम से प्राप्त कंबल को घर के मुख्य द्वार पर रखते हैं. मान्यता है कि इससे नकारात्मक ऊर्जा घर में प्रवेश नहीं करती और वातावरण शुद्ध व शांत रहता है. यह कंबल घर के लिए शुभ और रक्षक माना जाता है.

मनोकामना होगी पूर्ण

अगर घर का कोई सदस्य बीमार हो या बार-बार बुरी नजर का शिकार हो, तो नीम करोली बाबा के पवित्र धाम से प्राप्त कंबल को एक बार उसे ओढ़ा दें. श्रद्धा से बाबा से उसके स्वस्थ होने की प्रार्थना करें, ऐसा माना जाता है कि मनोकामना पूर्ण होती है.

इधर-उधर न रखें

अगर आपके मन में इस कंबल के प्रति पूर्ण श्रद्धा न हो, तो इसे आदरपूर्वक किसी आस्थावान व्यक्ति को दे दें या फिर आश्रम में वापस लौटा दें. लेकिन ध्यान रखें, इस पवित्र वस्त्र को कभी भी उपेक्षा से इधर-उधर न फेंकें, क्योंकि यह बाबा की कृपा का प्रतीक माना जाता है.

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Disclaimer: यह आर्टिकल सामान्य जानकारियों और मान्यताओं पर आधारित है. प्रभात खबर इसकी पुष्टि नहीं करता है.

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