Neem Karoli Baba: इन आदतों से इंसान रह जाता है पीछे, सोच को बना देती है कमजोर
Neem Karoli Baba: नीम करोली बाबा कहा करते थे कि इंसान अपनी असफलताओं का मुख्य कारण खुद होता है. उसकी ही कुछ नकारात्मक आदतें, जैसे आलस्य, डर और आत्मविश्वास की कमी, उसे अपने लक्ष्य तक पहुंचने से रोक देती हैं और सफलता से दूर कर देती हैं.
By Shashank Baranwal | April 30, 2025 9:27 AM
Neem Karoli Baba: नीम करोली बाबा एक अद्भुत संत थे, जिनकी पहचान केवल एक शरीर तक सीमित नहीं थी, बल्कि वे एक सजीव आध्यात्मिक शक्ति के रूप में पूजे जाते हैं. उनका पूरा जीवन प्रेम, सेवा और ईश्वरभक्ति की मिसाल रहा. अनेक श्रद्धालु उन्हें भगवान हनुमान का अवतार मानते हैं, क्योंकि उनका समर्पण और तप अतुलनीय था. उत्तराखंड का कैंची धाम आश्रम, जहां बाबा ने कई वर्षों तक साधना की, आज भी भक्ति और आत्मिक शांति के अनुभव का केंद्र बना हुआ है. जीवन में जब लोग अपने भाग्य को कोसते हैं और निराशा से घिर जाते हैं, तब नीम करोली बाबा की कुछ सरल लेकिन गहरी बातें उन्हें नया दृष्टिकोण दे सकती हैं और आत्मबल प्रदान कर सकती हैं. नीम करोली बाबा कहा करते थे कि मनुष्य अपनी असफलताओं का कारण खुद होता है, क्योंकि उनकी कुछ आदतें लक्ष्य तक नहीं पहुंचने देती हैं.
प्रगति में बनती है बाधा
नीम करोली बाबा ने अपने सरल लेकिन गहरे उपदेशों से जीवन की सच्चाइयों को उजागर किया. उन्होंने बताया कि क्रोध, अहंकार, आलस्य और असंयम मनुष्य की प्रगति में बाधा डालते हैं. बाबा का संदेश था कि आत्मचिंतन, प्रेम, धैर्य और स्वावलंबन से ही व्यक्ति अपने जीवन को सार्थक और सफल बना सकता है.
कमजोर बन जाता है इंसान
नीम करोली बाबा का मानना था कि हमेशा दूसरों पर निर्भर रहना व्यक्ति को भीतर से कमजोर बना देता है. ऐसा इंसान न तो अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर पाता है और न ही जीवन में सच्चा आनंद पा सकता है. बाबा ने सिखाया कि आत्मविश्वास और अपने कर्मों पर भरोसा ही सच्ची सफलता की कुंजी है.
नीम करोली बाबा का संदेश था कि डर और कमजोरी इंसान की सबसे बड़ी रुकावटे हैं. जो लोग आत्मविश्वास नहीं रखते और हर कार्य को भाग्य के सहारे छोड़ देते हैं, वे जीवन में प्रगति नहीं कर पाते. बाबा मानते थे कि साहस और आत्मविश्वास के बिना सफलता संभव नहीं है, इसलिए खुद पर भरोसा जरूरी है.
मन हो जाता है भ्रमित
नीम करोली बाबा कहते थे कि व्याकुल और चिंतित मन से कोई भी सही निर्णय नहीं लिया जा सकता. ऐसा मन व्यक्ति को भ्रमित करता है और उसे अपने उद्देश्य से दूर कर देता है. केवल शांत, एकाग्र और स्थिर मन ही सही दिशा में सोचने और सफलता पाने में सहायक होता है.