बच्चे के सामने गुस्से में चिल्लाना
जब माता-पिता गुस्से में बच्चे पर चिल्लाते हैं या छोटी बात पर डांटते हैं, तो बच्चा डरता है, न कि सीखता है. धीरे-धीरे वह मन ही मन दूर होने लगता है और रिस्पेक्ट की जगह पेरेंट्स के प्रति डर बना लेता है. इसलिए बच्चे को समझाने का तरीका शांत और प्यार भरा होना चाहिए, तभी वो आपकी बातें दिल से मानेगा. सम्मान तभी आता है जब बच्चा आपको अपना समझे, दुश्मन नहीं.
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बच्चे की बात को नजरअंदाज करना
कई बार पेरेंट्स बच्चों की छोटी-छोटी बातों को सुनने की बजाय टाल देते हैं या अभी नहीं कहकर बात खत्म कर देते हैं. इससे बच्चे को लगता है कि उसकी बातों की कोई कीमत नहीं है. अगर आप चाहते हैं कि बच्चा आपकी बात माने, तो पहले उसकी बात को भी महत्व देना सीखें. जब आप उसे सुनेंगे, तो वो भी आपकी सुनेगा और रेस्पेक्ट करेगा.
हर समय टोकना या तुलना करना
बच्चे को बार-बार टोकना या उसे दूसरों से तुलना करना उसकी सेल्फ कॉन्फिडेंस को कमजोर करता है. जब आप कहते हैं “देखो, वो कितना अच्छा है, तुम क्यों नहीं?”, तो बच्चा खुद को कम समझने लगता है. इसलिए बच्चों की तुलना की जगह उसे मोटिवेट करें, और उसकी खूबियों की तारीफ करें.
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