Parenting Tips: माता-पिता में ये बदलाव चाहते हैं बच्चे, कहने से हैं डरते

Parenting Tips: आज हम आपको कुछ ऐसे बदलावों के बारे में बताने जा रहे हैं जो हर बच्चा अपने माता-पिता में देखना चाहता है. चलिए इन बदलावों के बारे में विस्तार से जानते हैं.

By Saurabh Poddar | March 21, 2025 2:51 PM
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Parenting Tips: आपके बच्चे भले ही आपसे न कहें लेकिन अंदर ही अंदर वे अपने पैरेंट्स में कुछ बदलाव चाहते हैं. ये बदलाव किसी भी चीज को लेकर हो सकते है. कई बार ये आपके अंडरस्टैंडिंग को लेकर तो कई बार ये बदलाव समय को लेकर होते हैं. आज की यह आर्टिकल सभी पैरेंट्स के लिए काफी काम की होने वाली है. आज हम आपको कुछ ऐसे बदलावों के बारे में बताने जा रहे हैं जो हर बच्चा अपने पैरेंट में देखना चाहता है लेकिन कभी खुलकर कहता नहीं है. तो चलिए इनके बारे में विस्तार से जानते हैं.

ज्यादा क्वालिटी टाइम

हर बच्चा यह चाहता है कि उसके पैरेंट्स उसके साथ ज्यादा से ज्यादा क्वालिटी टाइम बिताए. इस दौरान बच्चे अपने पैरेंट्स के साथ बातें करना चाहते है. गेम्स खेलना चाहते हैं और साथ ही वे सभी चीजें करना चाहते हैं जिनमें उन्हें दिलचस्पी रहती है. कई बार इस दौरान वे अपने पैरेंट्स से दिल की बातों और भावनाओं को भी शेयर करना चाहते हैं.

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आलोचना नहीं प्रोत्साहन

बच्चे अंदर यह चाहते हैं कि उनके पैरेंट्स उनकी तुलना किसी अन्य बच्चे से न करें. इसकी जगह पर उनके पैरेंट्स उनके टैलेंट्स और अचीवमेंट्स की सराहना करें और उन्हें बेहतर करने के लिए प्रोत्साहित करे. केवल यहीं नहीं बच्चे यह भी चाहते हैं कि उनके माता-पिता उनसे ऐसी चीजों की डिमांड न रखें जो वास्तव में उनके लिए असंभव है.

ज्यादा धैर्य

बच्चे चाहते हैं कि उनके पैरेंट्स उनके साथ और भी ज्यादा धैर्य से बर्ताव करें, बिना रोक टोक के उनकी बातों को सुनें और उनकी परेशानियों को बिना गुस्सा किया या फिर चिड़चिड़ाये सुने.

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उनकी भावनाओं की कद्र करना

हर बच्चे की यह चाहत होती है कि उनके पैरेंट्स उनकी भावनाओं की कद्र करे. केवल यहीं नहीं, बच्चों की जो भी रे रहे उसका सम्मान भी करे. जब पैरेंट्स ऐसा करते हैं तो बच्चों में खुलकर बात करने का साहस आता है और साथ ही उनमें इस बात का डर नहीं रहता कि उनके पैरेंट्स उन्हें जज करेंगे या फिर उनकी बातों को नजरअंदाज कर देंगे.

पढ़ाई-लिखाई को लेकर कम दबाव

हर बच्चे की यह चाहत होती है कि उनके पैरेंट्स उन्हें पढ़ने के साथ-साथ खेलने के लिए भी बराबर समय दें. केवल यहीं नहीं, हर बच्चे की यह चाहत हमेशा से रहती है कि पैरेंट्स सिर्फ पढ़ाई को ही एक अचीवमेंट की तरह न देखें बल्कि बाकी चीजों को भी महत्व दें.

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