हमारा शरीर एक मंदिर है
अपने बच्चों को सबसे पहले अपने शरीर के बारे में बताएं. उसे बताएं कि हमारा जो शरीर है वह एक मंदिर है जिस वजह से हमें इसे साफ और शुद्ध रखना चाहिए. जैसे मंदिर में प्रसाद चढ़ाया जाता है ठीक उसे प्रकार हमारे शरीर को फल, दूध और हेल्दी चीजों की जरूरत पड़ती है. शराब एक बुरा जूस है जो इस मंदिर को तबाह करना चाहता है. जब आप अपने बच्चे से ऐसा कहते हैं तो उनके दिमाग में यह बात बैठ जाती है कि शराब सही चीज नहीं है और उन्हें इससे जितना हो सके दूर रहना चाहिए.
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कुछ चीजें सिर्फ बड़ों के लिए है
जिस तरह से एक कार या फिर गाडी सिर्फ बड़ों के लिए होती है ठीक उसी तरह से शराब भी सिर्फ बड़े लोगों के लिए ही होती है. लेकिन, बड़ों को भी इसे काफी संभलकर पीना चाहिए. ऐसा इसलिए क्योंकि जब बड़े इसका सेवन ज्यादा कर लेते हैं तो वे कमजोर हो सकते हैं. कई बार शराब पीने की वजह से वे दुखी हो सकते हैं या फिर बेवजह की हरकतें भी कर सकते हैं.
दिमाग के साथ खेलता है शराब
जिस तरह से शरबत पीने में मीठी और रिफ्रेशिंग होती है ठीक उसी तरह से शराब पीने में कड़वी और दिमाग के साथ खेलने वाली चीज होती है. शराब के सेवन से आप थोड़ी देर के लिए खुश हो सकते हैं लेकिन असलियत में यह आपको थोड़ी देर के लिए भी खुश नहीं करता है. उन्हें बताएं कि कई बार आप शराब के सेवन से गुस्सैल हो जाते हैं तो कई बार आपका दुख और भी ज्यादा बढ़ जाता है. जब आप अपने बच्चे से ऐसा कहते हैं तो उन्हें यह समझ में आ जाता है कि जीवन में शराब उनके किसी काम की नहीं है.
प्यार से बेहतर दवा और कोई नहीं
अपने बच्चे को यह जरूर सिखाएं कि अगर वे दुखी हैं या फिर गुस्से में हैं तो ऐसे में उन्हें बेहतर महसूस करने के लिए शराब की जरूरत नहीं है. अपने दोस्त को गले लगाने से या फिर उनसे थोड़ी देर बाद कर लेने से ही उनकी सभी मुसीबतें दूर हो सकती है. जब आप अपने बच्चे को यह बताएंगे तो उसे समझ में आ जाएगा कि दुनिया में दोस्ती या फिर रिश्ते से बड़ी कोई दवाई नहीं है.
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