सुरक्षा और आत्मरक्षा का महत्व
बेटियों को यह सिखाना जरूरी है कि यदि वे किसी असहज या खतरनाक स्थिति में हों तो कैसे प्रतिक्रिया दें. उन्हें सेल्फ-डिफेंस की ट्रेनिंग दिलवाएं और जरूरत पड़ने पर मदद मांगने के लिए हेल्पलाइन नंबरों की जानकारी दें.
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पैसों की समझ और आर्थिक स्वतंत्रता
बेटी को बचपन से ही यह समझ देना जरूरी है कि पैसे की अहमियत क्या है. उसे सिखाएं कि बजट कैसे बनाएं, बचत कैसे करें और स्मार्ट निवेश कैसे किया जाए ताकि वह आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन सके.
शारीरिक बदलाव और मासिक धर्म को लेकर जागरूकता
माता-पिता को चाहिए कि वे मासिक धर्म और शरीर में होने वाले प्राकृतिक परिवर्तनों को लेकर खुलकर बात करें. इससे न केवल शर्म और झिझक दूर होगी, बल्कि बेटी खुद की देखभाल करना भी बेहतर तरीके से सीख पाएगी.
रिश्तों की समझ और सीमाओं की पहचान
उसे यह सिखाना भी ज़रूरी है कि रिश्ते तभी स्वस्थ होते हैं जब उनमें आपसी सम्मान और विश्वास हो. उसे यह बताएं कि किसी भी रिश्ते में अपनी सीमाओं को पहचानना और बनाए रखना क्यों जरूरी है.
गुड टच और बैड टच
बेटियों को गुड टच और बैड टच के बारे में जरूर बताना चाहिए. उन्हें बताएं कि गुड टच केयर की तरह महसूस होता है. जैसे कि कोई उनके सिर या पीठ पर हाथ फेरे तो इस तरह का स्पर्श कहलाता. वहीं अगर को कोई शरीर प्राइवेट हिस्सों छूने की कोशिश करता है या फिर उनके हाथ को सहलाता है तो इसे बैड टच कहा जाता है.
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