क्या है इसके पीछे की वजह?
टेस्ट डेवलप न होना: बच्चे की स्वाद ग्रंथियां पूरी तरह विकसित नहीं होती हैं, इसलिए उसे कई चीजें पसंद नहीं आती है.
जिद्दी स्वभाव: बच्चा अगर देखता है कि कोई चीज खिलाने के लिए जोर दिया जा रहा है, तो वह जिद में आकर खाना बंद कर सकता है.
डायजेस्टिव सिस्टम की कमजोरी: कई बार बच्चे अपने डायजेस्टिव सिस्टम की कमजोरी की वजह से खाना खाने में नखरा करते हैं. जैसे पेट ठीक से साफ न होना, गैस बनना या कब्ज की समस्याओं की वजह से भी उन्हें भूख नहीं लगती है.
दांत निकलना: जब बच्चे के दांत निकलते हैं तो उसे दर्द और जलन होती है, जिसकी वजह से वो खाना नहीं चाहता.
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क्या करें माता-पिता?
खिलाने का तरीका बदलें
बच्चों का खाना खाने के लिए जबर्दस्ती न करें. जब वह भूखा हो, तभी उसे खाने के लिए बुलाएं. रंग-बिरंगे, मजेदार शेप वाले खाना को देखकर बच्चा आकर्षित होता है.
खाना बनाएं रोचक
खिचड़ी, उपमा, सूजी हलवा, दाल-चावल या फ्रूट कटलेट जैसे व्यंजन स्वाद के साथ पौष्टिक भी होते हैं. उन्हें छोटे-छोटे बाइट्स में खिलाएं.
बच्चे की पसंद जानें
हर दिन नया एक्सपेरिमेंट करें और देखें कि बच्चा किस चीज की ओर आकर्षित होता है. हो सकता है वो मीठा पसंद करता हो या थोड़ा तीखा.
खुद भी साथ बैठें
बच्चा माता-पिता को देखकर बहुत कुछ सीखता है. अगर आप खुद बैठकर खाएंगे, तो बच्चा आपकी नकल करेगा.
फिक्स टाइम बनाएं
हर दिन एक तय समय पर खाना देना जरूरी है, वरना भूख की आदत खत्म हो जाती है. खाने से पहले बहुत ज्यादा स्नैकिंग भी न करें.
खेल-खेल में खाना खिलाएं
खिलाते समय उसे कोई छोटी कहानी सुनाएं या खिलौना देकर उन्हें व्यस्त रखें, ताकि उसका ध्यान खाने से हटे और वह बिना जिद खा लें.
कब डॉक्टर से मिलें?
अगर आपका बच्चा लगातार 1-2 महीने से कुछ भी ठीक से नहीं खा रहा या वजन कम होने के साथ कमजोर दिखता है तो एक बाल रोग विशेषज्ञ से संपर्क करना जरूरी है. हो सकता है उसके शरीर में आयरन, कैल्शियम या जिंक की कमी हो, जो भूख कम कर देती है.
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