फ्रेंड की तरह बात करें
अगर आपके बच्चे बड़े हो रहे हैं तो आप उनके साथ अपने रिलेशन में बदलाव लेकर आएं. बच्चे के बिहेवियर में आपको कुछ अलग लग रहा है तो आप इसके पीछे का कारण जानने की कोशिश करें. आप ऐसा माहौल बनाएं कि बच्चे आपके पास बिना किसी जजमेंट और डर से आपसे बात कर सके. टीनएज में बच्चों को आप बड़ों कि तरह ट्रीट करें.
थोड़ी आजादी है जरूरी
टीनएज के दौरान बच्चे लाइफ के बारे थोड़ा बहुत समझने लगते हैं. कई पैरेंट्स अपने बच्चों पर भरोसा नहीं कर पाते हैं और उन्हें कोई भी निर्णय लेने नहीं देते. ये बात सही नहीं है और इसका प्रभाव बच्चे पर पड़ता है. आगे लाइफ में बच्चा सक्सेसफुल बने इसके लिए पहले ही नींव तैयार करें. बच्चों को आप लाइफ में छोटे फैसले लेने के लिए हिम्मत बढ़ाएं.
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सोशल स्किल का विकास
अक्सर देखा जाता है सोशल सेटिंग में टीनएजर खुल के बात नहीं कर पाते. सोशल मीडिया और फोन में ही ज्यादा समय बिता देते हैं. आप बच्चों को लोगों से कम्युनिकेट करने के लिए प्रोत्साहित करें. शुरू में परेशानी होगी पर आप बच्चों मनोबल बढ़ाएं. बात करने के साथ उनमें सुनने की भी आदत का विकास करें. अगर बच्चा किसी बात से सहमत नहीं है तो अपनी ना को भी अच्छे से आगे रखने की सीख दें.
आलोचना कम करें
बच्चे बड़े हो रहे हैं तो गलती करना आम है और यही अनुभव उन्हें आगे काम आएगा. बच्चों की गलतियों पर आलोचना कम करें और इस बारे में उन्हें सही राय दें. इस टाइम में चेंज को बच्चे अपने भीतर महसूस करते हैं. कई बच्चे इस बात से घबरा भी जाते हैं. पैरेंट्स का फर्ज है कि इस बारे में बच्चे से खुलकर बात करें.
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