Pitru Paksha: पितृ दोष से कैसे पाएं छुटकारा? इन पौधों की करें पूजा, दान करें ये चीजें
Pitru Paksha: पितृ पक्ष के दौरान हिंदू धर्म में पूर्वजों को भोजन, जल और प्रार्थना सहित श्राद्ध कर्म किया जाता है. वहीं अगर किसी कारण से पूर्वज आपसे नाराज हैं तो पितृ पक्ष के दौरान आप कुछ आसान उपायों से पितृ दोष से मुक्ति पा सकते हैं. ज्योतिष ने इसे लेकर कई कारगर उपाय बताएं हैं.
By Bimla Kumari | September 23, 2024 3:56 PM
Pitru Paksha: पूर्वजों के सम्मान के लिए समर्पित पितृ पक्ष 17 सितंबर से शुरू हो गया है. यह आमतौर पर भाद्रपद पूर्णिमा से कार्तिक अमावस्या तक 15-16 दिनों तक मनाया जाता है. इन दिनों में लोग अपने पूर्वजों को श्रद्धांजलि देने के लिए उनका श्राद्ध और तर्पण करते हैं. ऐसा माना जाता है कि इन दिनों में पूर्वज धरती पर आते हैं और पितरों के लिए तर्पण करने वाले परिवारों को आशीर्वाद देते हैं.
पितृ पक्ष के दौरान हिंदू धर्म में पूर्वजों को भोजन, जल और प्रार्थना सहित श्राद्ध कर्म किया जाता है. वहीं अगर किसी कारण से पूर्वज आपसे नाराज हैं तो पितृ पक्ष के दौरान आप कुछ आसान उपायों से पितृ दोष से मुक्ति पा सकते हैं. ज्योतिष ने इसे लेकर कई कारगर उपाय बताएं हैं.
कौओं को भोजन कराएं धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कौओं को पितरों का प्रतीक माना जाता है. कहा जाता है कि पितृ पक्ष के दौरान कौओं को भोजन कराने से पूर्वज प्रसन्न होते हैं. साथ ही ऐसा करने से आप सभी तरह के पापों और कर्जों से मुक्ति पा सकते हैं क्योंकि इन दिनों में मादा कौआ आमतौर पर बच्चों को जन्म देती है. इसलिए उसे पौष्टिक भोजन की आवश्यकता होती है जो आपके खिलाने से पूरी होती है.
वृक्षों की पूजा करें
पितृ पक्ष के दौरान आपको पीपल और बरगद के पेड़ों की पूजा करनी चाहिए. ऐसा कहा जाता है कि हर व्यक्ति प्रकृति का ऋणी होता है और जब आप पेड़ों की पूजा करते हैं तो आप प्रकृति का कर्ज उतार रहे होते हैं.
पितृ पक्ष के दौरान आप ग्रहों की शांति के लिए खीर बना सकते हैं, ध्यान रहे कि उसमें केसर डालकर दान करें. ऐसा करने से आपकी कुंडली में मौजूद पितृ दोष दूर होता है. इसके अलावा दक्षिण दिशा में काले तिल के साथ जल रखें.
इन तिथियों पर करें श्राद्ध
यदि आपके पूर्वजों की मृत्यु पंचमी तिथि को हुई है तो आपको उनका श्राद्ध पंचमी तिथि को करना चाहिए.
नवमी तिथि को श्राद्ध करना सभी प्रकार की मृत महिलाओं का श्राद्ध माना जाता है.
यदि किसी व्यक्ति की अकाल मृत्यु हो जाती है तो आपको चतुर्दशी तिथि को श्राद्ध करना चाहिए.
यदि आपको अपने पूर्वजों की मृत्यु की तिथि ज्ञात नहीं है तो आप अमावस्या के दिन उनका श्राद्ध कर सकते हैं.