कच्चा या अधपका मांस और अंडा
कच्चा या अधपका मांस और अंडा खाने से साल्मोनेला और लिस्टेरिया जैसे बैक्टीरिया संक्रमण का खतरा रहता है, जो गर्भवती महिला और भ्रूण दोनों के लिए नुकसानदायक हो सकता है.
अधपका या बिना पाश्चराइज किया हुआ दूध और डेयरी उत्पाद
बिना पाश्चराइज किया हुआ दूध, पनीर या दही लिस्टेरिया बैक्टीरिया से संक्रमित हो सकते हैं, जिससे गर्भपात या समय से पहले डिलीवरी का खतरा होता है.
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सी फूड जिसमें हाई मरकरी हो उस तरह का भोजन करने से बचना चाहिए
शार्क, स्वोर्डफिश, किंग मैकेरल जैसी मछलियों में मरकरी की मात्रा अधिक होती है, जो भ्रूण के मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र के विकास को नुकसान पहुंचा सकती है.
कैफीन का अधिक सेवन
गर्भावस्था में बहुत अधिक चाय, कॉफी या एनर्जी ड्रिंक पीना भ्रूण के वजन को कम कर सकता है और गर्भपात का खतरा बढ़ा सकता है. इस समय में रोजाना 200 मिलीग्राम से कम कैफीन लेना सुरक्षित माना जाता है.
अल्कोहल का सेवन खतरनाक
अल्कोहल का सेवन गर्भ में पल रहे शिशु के मस्तिष्क, हृदय और अन्य अंगों के विकास को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है. यह भ्रूण शराब सिंड्रोम जैसी जटिलताओं का कारण बन सकता है.
पैकेज्ड और प्रोसेस्ड फूड से करना चाहिए परहेज
ज्यादा नमक, चीनी और प्रिजर्वेटिव्स वाले प्रोसेस्ड फूड्स (जैसे चिप्स, इंस्टेंट नूडल्स, डिब्बाबंद भोजन) से परहेज करना चाहिए. इससे मोटापा, हाई ब्लड प्रेशर और जठरांत्र संबंधी समस्याएं हो सकती हैं.
अजवाइन, मेथी और पाइनएप्पल जैसी चीजें खाना भी उचित नहीं
कुछ मसाले और फल, जैसे अजवाइन, मेथी और पाइनएप्पल, अत्यधिक मात्रा में गर्भाशय संकुचन को प्रेरित कर सकते हैं, जिससे समय से पहले प्रसव या गर्भपात हो सकता है. इन्हें सीमित मात्रा में ही सेवन करना चाहिए. इसके लिए पहले डॉक्टर से परामर्श ले लेना चाहिए.
गर्भावस्था में हर्बल सप्लीमेंट्स
हर हर्बल प्रोडक्ट या काढ़ा सुरक्षित नहीं होता. कुछ हर्बल दवाओं में ऐसे तत्व हो सकते हैं जो गर्भावस्था के दौरान हानिकारक साबित हो सकते हैं. इन्हें डॉक्टर की सलाह के बिना न लें.
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