बुरे को फल और अच्छे लोगों को दुःख क्यों? सुनिए प्रेमानंद जी का गूढ़ उत्तर
Premanand Ji Maharaj: एक भक्त ने एक बार प्रेमानंद जी महाराज से पूछा कि इस दुनिया में बुरे लोगों के साथ अच्छा और अच्छे लोगों के साथ ही बुरा क्यों होता है. इस महाराज ने जो जवाब दिया वह गौर करने वाली थी. उनके इस जवाब को हर इंसान को सुनना और समझना चाहिए.
By Shashank Baranwal | April 16, 2025 8:52 AM
Premanand Ji Maharaj: प्रेमानंद जी महाराज केवल संत नहीं, बल्कि भक्तों के लिए एक जीवंत अनुभूति हैं. उनकी उपस्थिति किसी भी तीर्थ से कम नहीं लगती है. जहां पहुंचते ही मन स्थिर हो जाता है और आत्मा एक गूढ़ शांति का अनुभव करने लगती है. वे किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं, क्योंकि निश्छल, सरल और आत्मा की गहराई तक पहुंचने वाली उनकी वाणी उनका परिचय है. सोशल मीडिया पर उनके प्रवचन, सत्संग और छोटे-छोटे वीडियो न केवल लाखों दिलों को छूते हैं, बल्कि जीवन की उलझनों में फंसे मन को एक नई दिशा दिखाते हैं. ऐसे ही एक भक्त ने एक बार प्रेमानंद जी महाराज से पूछा कि इस दुनिया में बुरे लोगों के साथ अच्छा और अच्छे लोगों के साथ ही बुरा क्यों होता है. इस महाराज ने जो जवाब दिया वह गौर करने वाली थी. उनके इस जवाब को हर इंसान को सुनना और समझना चाहिए.
बुरे कर्मों का फल भुगतना ही पड़ेगा
प्रेमानंद जी महाराज कहते हैं कि मनुष्य जिस तरह का कर्म करता है उसे उसी तरह का ही फल मिलता है. ऐसे में मनुष्य को लगने लगता है कि जो लोग गलत हैं वो इस जन्म में सफल हो रहे हैं. हालांकि, यह बात सही नहीं है उन्हें इस जन्म में या अगले जन्म फल भुगतना ही पड़ेगा.
प्रेमानंद जी महाराज कहते हैं कि व्यक्ति को ऐसा नहीं सोचना चाहिए. सिर्फ कर्म पर ध्यान देना चाहिए. फल तुरंत नहीं मिलता है. ऐसे में सिर्फ धैर्य और विश्वास रखना चाहिए कि अंत में जीत सिर्फ सच्चाई की होती है. इसके अलावा, प्रेमानंद जी कहते हैं कि इस दुनिया में सिर्फ भगवान की ही लीला चलती है. व्यक्ति के जीवन में जो भी घटनाएं घटित होती हैं, वे किसी न किसी कारण से होती हैं. ऐसे में हमें सिर्फ भगवान पर विश्वास रखना चाहिए और उसी के अनुसार चलना चाहिए.